प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-12 दोषों का पर्दाफ़ाश करना कब बुरा रूप ले सकता है?
प्रश्न-13 लेखक का मन कभी - कभी क्यों बैठ जाता है?
प्रश्न-14 निम्नलिखित के संभावित परिणाम क्या - क्या हो सकते हैं? आपस में चर्चा कीजिए, जैसे - "ईमानदारी को मूर्खता का पर्याय समझा जाने लगा है।" परिणाम - भ्रष्टाचार बढ़ेगा।
१. "सच्चाई केवल भीरु और बेबस लोगों के हिस्से पड़ी है।"
२. "झूठ और फरेब का रोज़गार करनेवाले फल - फूल रहे हैं।"
३. "हर आदमी दोषी अधिक दिख रहा है, गुणी कम।" -
प्रश्न-15 लेखक ने स्वीकार किया है कि लोगों ने उन्हें भी धोखा दिया है फिर भी वह निराश नहीं हैं। आपके विचार से इस बात का क्या कारण हो सकता है?
प्रश्न-16 लेखक ने लेख का शीर्षक ‘क्या निराश हुआ जाए’ क्यों रखा होगा? क्या आप इससे भी बेहतर शीर्षक सुझा सकते हैं?
प्रश्न-17 टिकट बाबू के चेहरे पर संतोष की गरिमा क्यों थी?
प्रश्न-18 बस ड्राइवर लेखक की ओर कातर दृष्टि से क्यों देख रहा था?