प्रश्न / उत्तर

 

प्रश्न-1   'दीवानों की हस्ती' कविता के रचयिता कौन है?   

 

प्रश्न-2   कवि सुख और दुःख को किस भाव से ग्रहण करता है?    

 

प्रश्न-3   कवि किस बात के लिए संघर्षरत रहता है?

 

प्रश्न-4   शब्दों के अर्थ बताइए - स्वच्छंद, उर   

 

प्रश्न-5   कविता पढ़कर कवि की क्या - क्या विशेषताएँ स्पष्ट होती हैं?     

 

प्रश्न-6   कवि सुख - दुःख की भावना से निर्लिप्त क्यों है?   

 

प्रश्न-7   कवि किन बंधनों को तोड़ने की बात कर रहा है?

 

प्रश्न-8   कवि ने दुनियाँ को भिखमंगा क्यों कहा है?    

 

प्रश्न-9   कवि जग को अपना क्या योगदान देना चाहता है?

 

प्रश्न-10   कवि की मंज़िल निश्चित क्यों नहीं है?

 

प्रश्न-11   'हम स्वंय बँधे थे और स्वंय हम अपने बंधन तोड़ चले' - पंक्ति का अर्थ बताइए।   

 

प्रश्न-12   कविता में ऐसी कौन-सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?   

 

प्रश्न-13   कवि ने अपने आप को दीवाना क्यों कहा है?

 

प्रश्न-14   कवि ने अपने जीवन को मस्त क्यों कहा है?   

 

प्रश्न-15   कवि ने अपने आने को ‘उल्लास’ और जाने को ‘आँसू बनकर बह जाना’ क्यों कहा है?

 

प्रश्न-16   भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है?   

 

Last modified: Sunday, 28 July 2019, 10:58 PM