प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 पांडवों की कुशलता जानकर दुर्योधन ईर्ष्या की आग में क्यों जलने लगा?
प्रश्न-2 दुर्योधन ने एकांत में धृतराष्ट्र से क्या कहा?
प्रश्न-3 कर्ण ने दुर्योधन को क्या सलाह दी?
प्रश्न-4 कर्ण ने दुर्योधन को पांडवों पर हमला करने की सलाह क्यों दी?
प्रश्न-5 भीष्म और आचार्य द्रोण ने धृतराष्ट्र को क्या सलाह दी?
प्रश्न-6 कर्ण की बातों से क्रोधित द्रोणाचार्य क्या बोले?
प्रश्न-7 धृतराष्ट्र ने पांडवों को द्रौपदी तथा कुंती सहित लिवा लाने के लिए किसे और कहाँ भेजा?
प्रश्न-8 किसने किससे कहा?
i. “पांडव अभी जीवित हैं। राजा द्रुपद की कन्या को स्वयंवर में अर्जुन ने प्राप्त किया है।”
ii. “बेटा, तुम बिलकुल ठीक कहते हो। तुम्हीं बताओ, अब क्या करना चाहिए?”
iii. “तो फिर हमें कोई ऐसा उपाय करना चाहिए, जिससे पांडव यहाँ आएँ ही नहीं, क्योंकि यदि वे इधर आए, तो ज़रूर राज्य पर भी अपना अधिकार जमाना चाहेंगे।”
iv. “बेटा! वीर पांडवों के साथ संधि करके आधा राज्य उन्हें दे देना ही उचित है।”
v. “राजन्! मुझे यह देखकर बड़ा आश्चर्य हो रहा है कि आचार्य द्रोण भी आपको ऐसी कुमंत्रणा देते हैं!”
vi. “हमारे कुल के नायक भीष्म तथा आचार्य द्रोण ने जो बताया है, वही श्रेयस्कर है।”