प्रश्न
प्रश्न-1 पांडवों ने कौन-कौन से ऋषियों से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई?
प्रश्न-2 कर्ण कौन था और उसने दुर्योधन से क्या कहा?
प्रश्न-3 इंद्र को किस बात का डर था?
प्रश्न-4 इंद्र ने बूढ़े ब्राह्मण का वेश क्यों धारण किया?
प्रश्न-5 बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी?
प्रश्न-6 दुर्योधन ने किसकी अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया?
प्रश्न-7 सूर्यदेव ने कर्ण को किस बात के लिए सचेत किया?
प्रश्न-8 कर्ण एक दानवीर था। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न-9 इंद्र क्या देखकर चकित रह गए?
प्रश्न-10 कर्ण ने देवराज इंद्र से क्या वरदान माँगा?
प्रश्न-11 कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना किस प्रकार सीखा?
प्रश्न-12 परशुराम ने कर्ण को शाप क्यों दिया?
प्रश्न-13 भीष्म और आचार्य द्रोण के आहत हो जाने पर दुर्योधन ने किसे कौरव सेना का सेनापति बनाया?
प्रश्न-14 कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?
प्रश्न-15 कर्ण ने अर्जुन से क्या कहा?
प्रश्न-16 अर्जुन ने पाठ में क्या निंदा योग्य बताया है?
प्रश्न-17 सभी दर्शक और राजवंश के सभी उपस्थित लोग क्या देख कर दंग रह गए?
प्रश्न-18 कौन रंगभूमि में अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया?
प्रश्न-19 दुर्योधन ने कर्ण को किस देश का राजा घोषित किया?
प्रश्न-20 किसने किससे कहा?
i. “युद्ध में तुम जिस किसी को लक्ष्य करके इसका प्रयोग करोगे, वह अवश्य मारा जाएगा, परंतु एक ही बार तुम इसका प्रयोग कर सकोगे।”
ii. “बेटा, सच बताओ, तुम कौन हो?”
iii. “चूँकि तुमने अपने गुरु को ही धोखा दिया है, इसलिए जो विद्या तुमने मुझसे सीखी है, वह अंत समय में तुम्हारे किसी काम नहीं आएगी।”
iv. “यह उत्सव केवल तुम्हारे लिए नहीं मनाया जा रहा है। सभी प्रजाजन इसमें भाग लेने का अधिकार रखते हैं।”
v. “मैं अर्जुन से द्वन्द्ध युद्ध और आपसे मित्रता करना चाहता हूँ।”
vi. “सारथी के बेटे, धनुष छोड़कर हाथ में चाबुक लो, चाबुक ! वही तुम्हे शोभा देगा।”
vii. “अज्ञात वीर! महाराज पांडु का पुत्र और कुरुवंश का वीर अर्जुन तुम्हारे साथ द्वन्द्ध युद्ध करने के लिए तैयार है।”