प्रश्न
प्रश्न-1 सुध-बुध लौटने पर भरत कहाँ गए?
प्रश्न-2 कौशल्या को किस बात का दुःख था?
प्रश्न-3 शत्रुघ्न को क्या पता चल गया था?
प्रश्न-4 भरत और शत्रुघ्न किस बात पर मंत्रणा कर रहे थे?
प्रश्न-5 मुनि वशिष्ठ आयोध्या का राजसिहांसन रिक्त क्यों नहीं देखना चाहते थे?
प्रश्न- 6 किसने किससे कहा?
i. “मैं राम के पास जाऊँगा । उन्हें मनाकर लाऊँगा । प्रार्थना करूँगा कि वो गद्दी संभालें । मैं दास बनकर रहूँगा ।”
ii. “पुत्र तुम्हारी मनोकामना पूरी हुई । तुम जो चाहते थे, हो गया । राम अब जंगल में हैं । अयोध्या का राज तुम्हारा है ।”
iii. “राम मेरे प्रिय अग्रज हैं । मैं उनका अहित सोच भी नहीं सकता । मैं निरपराध हूँ ।”
iv. “वत्स! तुम राजकाज संभाल लो । पिता के निधन और बड़े भाई के वन गमन के बाद यही उचित है ।”
v. “मुनिवर, यह राज्य राम का है । वही इसके अधिकारी हैं । मैं यह पाप नहीं कर सकता । हम सब वन जाएँगे । और राम को वापस लाएँगे ।”