उत्तर - 'यह कठिन समय नहीं है' कविता की कवयित्री का नाम जया जादवानी है।
उत्तर - इस कविता में कवयित्री ने विषम परिस्थितियों में भी हार न मानने का संदेश दिया है।
उत्तर - 'अभी भी एक रेलगाड़ी जाती है गंतव्य तक' का आशय है कि लेखिका को विश्वास है कि कोई न कोई रेलगाड़ी उन्हें उनके मंजिल तक जरूर पहुँचाएगी।
उत्तर - 'झरती हुई पत्ती थामने को बैठा है हाथ एक' से कवयित्री का आशय है कि आज भी समाज में लोग एक-दूसरे की मदद करने को तत्पर रहते हैं।
उत्तर - 'अभी भी स्टेशन पर भीड़ है' इस कथन के द्वारा कवयित्री यह कहना चाह रही है कि लोग अपने जीवन की कठिनाईयों का सामना करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए प्रत्यनशील हैं।
उत्तर – चिड़िया चोंच में तिनका दबाकर उड़ने की तैयारी में है क्योंकि सूरज डूबने ही वाला है और सूरज डूबने से पहले चिड़िया अपने लिए घोंसला बनाना चाहती है। वह तिनकों से अपने लिए घोंसला तैयार करती है।
उत्तर - जब हम घर से स्कूल या शाम को खेलने जाते हैं तो घर पर माँ हमारी प्रतीक्षा करती है। देर हो जाने पर वो चिंतित हो जाती है। वह हमें बहुत स्नेह करती है इसलिए वह हमें हर प्रकार के कष्टों से दूर रखना चाहती है।
उत्तर – (i) अभी भी सूरज उगने में समय है।
(ii) अभी भी रात होने में समय है।
(iii) अभी भी उसका कार्य खत्म नहीं हुआ है।
ऊपर दिए गए तीनों वाक्यों में कार्य के निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया का भाव है।
उत्तर - प्रस्तुत कविता में कवि ने अपना आशय स्पष्ट करने के लिए कल्पना का सहारा लिया है। अंतरिक्ष के पार की दुनिया की सभी बातें काल्पनिक है। दूसरी दुनिया के अस्तित्व को लेकर वैज्ञानिकों के पास भी कोई प्रमाण नहीं है।
उत्तर - (i) नहीं, अभी भी मेरा काम खत्म नहीं हुआ है।
(ii) नहीं, अभी भी इसकी परीक्षा की तैयारी नहीं हुई है।
(iii) नहीं, अभी भी रोहन घर नहीं आया है।
अभी भी, निरंतर चलने वाली प्रक्रिया का बोध कराता है तथा नहीं से कार्य के न होने का पता चलता है।
उत्तर – यह बताने के लिए कवि ने निम्नलिखित तर्क दिए हैं-
(i) अभी भी चिड़िया की चोंच में तिनका दबा है।
(ii) एक हाथ झड़ती हुई पत्ती को थामने के लिए बैठा है।
(iii) अभी भी एक रेलगाड़ी गंतव्य तक जाती है।
(iv) कथा का अखिरी हिस्सा बूढ़ी नानी सुना रही है जिसमें अभी भी एक बस अंतरिक्ष के पार की दुनिया से बचे हुए लोगों की खबर लाएगी।
(v) अभी भी कोई किसी को कहता है कि जल्दी आ जाओ, सूरज डूबने का समय हो चला है।