Topic outline

    • हम पंछी उन्मुक्त गगन के

      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ के रचयिता कौन हैं?

      उत्तर-  हम पंछी उन्मुक्त गगन के पाठ के रचयिता शिवमंगल सिंह 'सुमन' हैं।

       

      प्रश्न-2   पंछी अपना मधुर गीत कब नहीं गए पाएँगें?

      उत्तर-  पंछी अपना मधुर गीत पिंजरे में बंद होकर नहीं गए पाएँगें।

       

      प्रश्न-3 पंछी कहाँ का जल पीना पसंद करते हैं?

      उत्तर -  पंछी नदी और झरनों का बहता जल पीना पसंद करते हैं।

       

      प्रश्न-4   पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर क्या है?

      उत्तर -  पंछियों के लिए पिंजरे में रखे मैदा से बेहतर नीम का फल है।

       

      प्रश्न-5   पंछियों के अरमान क्या थे?

      उत्तर -  पंछियों के आकाश की सीमा तक उड़ने के अरमान थे।

       

      प्रश्न-6   पंछी कैसा जीवन चाहते हैं?

      उत्तर -  पंछी एक स्वतंत्र जीवन चाहते हैं।

       

      प्रश्न-7   पंछी क्या खाते पीते हैं?

      उत्तर -  पंछी बहता हुआ जल पीते हैं और पेड़ पे लगे हुए फल खाते हैं।

       



      प्रश्न-8   पिंजरे में पंख फ़ैलाने पर पंछियों की क्या दशा होगी?

      उत्तर -  पिंजरे में पंख फ़ैलाने पर पंछियों के पंख पिंजरे के सलाखों से टकराकर टूट जायेंगें।

       

      प्रश्न-9   पिंजरे में पंछी क्या-क्या नहीं कर सकते?

      उत्तर -  पिंजरे में पंछी पंख नहीं फैला सकते, ऊँची उड़ान नहीं भर सकते, बहता जल नहीं पी सकते और पेड़ों पर लगे हुए फल नहीं खा सकते।

       

      प्रश्न-10   कविता में पंछी क्या याचना कर रहें हैं?

      उत्तर -  कविता में पंछी याचना कर रहे हैं कि चाहे उनके घोंसलें तोड़ दें या चाहे उनके टहनी के आश्रय छिन्न भिन्न कर दें पर जब उन्हें पंख दिए हैं तो उनके उड़ान में विघ्न न डालें।

       

      प्रश्न-11   इस कविता के माध्यम से पंछी क्या संदेश देना चाहते हैं?

      उत्तर -  इस कविता के माध्यम से पंछी यह संदेश  देना चाहते हैं कि स्वंतत्रता सब को प्रिय होती है और स्वंतत्र रह कर ही हम अपने सभी इच्छाओं को पूरा कर सकते हैं।

       

      प्रश्न-12   हर तरह की सुख सुवधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद क्यों नहीं रहना चाहते?

      उत्तर -  हर तरह की सुख सुवधाएं पाकर भी पक्षी पिंजरे में बंद इसलिए नहीं रहना चाहते क्योंकि उन्हें स्वतंत्रता पसंद हैं, वह बंधन में नहीं रहना चाहते। वह खुल कर आकाश में उड़ना चाहते हैं।

       

      प्रश्न-13   पक्षी उन्मुक्त रहकर अपनी कौन - कौन सी इच्छाएँ पूरी करना चाहते थे?

      उत्तर -  पपक्षी उन्मुक्त रहकर बहता हुआ शीतल जल पीना, कड़वे निबौरी के फल खाना, पेड़ की सबसे ऊंची टहनी पर झुलना, खुले आसमान में उड़ना तथा क्षितिज के अंत तक उड़ने की इच्छाएँ पूरी करना चाहते थे ।

       

      प्रश्न-14   भाव स्पष्ट कीजिए -

      "या तो क्षितिज मिलन बन जाता / या तनती साँसो की डोरी।"

      उत्तर -  इन पंक्ति में पंछी क्षितिज की सीमा तक उड़ जाने की या अपने प्राण त्याग देने की इच्छा रखते हैं।