कर्ण
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 पांडवों ने कौन-कौन से ऋषियों से अस्त्र-शस्त्र की शिक्षा पाई?
उत्तर- पांडवों ने पहले कृपाचार्य से और बाद में द्रोणाचार्य से अस्त्र - शस्त्र की शिक्षा पाई।
प्रश्न-2 कर्ण कौन था और उसने दुर्योधन से क्या कहा?
उत्तर- कर्ण अधिरथ द्वारा पोषित कुंती पुत्र था। कर्ण ने दुर्योधन से कहा कि वह अर्जुन से द्वंद्ध युद्ध और उससे मित्रता करना चाहता है।
प्रश्न-3 इंद्र को किस बात का डर था?
उत्तर - इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति आ सकती है।
प्रश्न-4 इंद्र ने बूढ़े ब्राह्मण का वेश क्यों धारण किया?
उत्तर - इंद्र को डर था कि भावी युद्ध में कर्ण की शक्ति से अर्जुन पर विपत्ति आ सकती है। इस कारण कर्ण की शक्ति कम करने की इच्छा से उन्होंने बूढ़े ब्राह्मण का वेश धारण करके अंग नरेश कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँग लिया।
प्रश्न-5 बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से क्या भिक्षा माँगी?
उत्तर - बूढ़े ब्राह्मण के वेश में इंद्र ने कर्ण से उनका जन्मजात कवच और कुंडल भिक्षा में माँगी।
प्रश्न-6 दुर्योधन ने किसकी अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया?
उत्तर - दुर्योधन ने पितामह भीष्म एवं पिता धृतराष्ट्र की अनुमति से कर्ण को अंग देश का राजा बना दिया।
प्रश्न-7 सूर्यदेव ने कर्ण को किस बात के लिए सचेत किया?
उत्तर - कर्ण को सूर्यदेव ने पहले ही सचेत कर दिया था कि उसे दोखा देने के लिए इंद्र ब्राह्मण का वेश धारण करके आयेंगें।
प्रश्न-8 कर्ण एक दानवीर था। इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर - कर्ण इतना दानी था कि किसी के कुछ माँगने पर वह मना कर ही नहीं सकता था। इस कारण यह जानते हुए भी कि भिखारी के वेश में इंद्र धोखा कर रहें हैं, कर्ण ने अपने जन्मजात कवच और कुंडल निकालकर उनको भिक्षा में दे दिए।
प्रश्न-9 इंद्र क्या देखकर चकित रह गए?
उत्तर - इंद्र कर्ण की अदभूत दानवीरता को देखकर चकित रह गए।
प्रश्न-10 कर्ण ने देवराज इंद्र से क्या वरदान माँगा?
उत्तर - कर्ण ने देवराज से कहा कि अगर वह उससे प्रसन्न हैं, तो शत्रुओं का संहार करनेवाला वह अपना 'शक्ति' नामक शास्त्र उसे प्रदान करें।
प्रश्न-11 कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना किस प्रकार सीखा?
उत्तर - कर्ण ब्राह्मण के वेश में परशुराम जी के पास गया और प्रार्थना की कि उसे शिष्य स्वीकार करने की कृपा करें। परशुराम ने उसे ब्राह्मण समझ कर शिष्य बना लिया। इस प्रकार छल से कर्ण ने ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा।
प्रश्न-12 परशुराम ने कर्ण को शाप क्यों दिया?
उत्तर - जब परशुराम को पता चला की कर्ण ने छल से उनसे ब्रह्मास्त्र चलाना सीखा है तो परशुराम ने क्रोध में कर्ण को शाप दे दिया।
प्रश्न-13 भीष्म और आचार्य द्रोण के आहत हो जाने पर दुर्योधन ने किसे कौरव सेना का सेनापति बनाया?
उत्तर - भीष्म और आचार्य द्रोण के आहत हो जाने पर दुर्योधन ने कर्ण को कौरव सेना का सेनापति बनाया।
प्रश्न-14 कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?
उत्तर - जब शापवश कर्ण के रथ का पहिया ज़मीन में धँस गया और वह धनुष बाण रख कर ज़मीन में धँसा हुआ पहिया निकलने लगा, तभी अर्जुन ने उस महारथी पर प्रहार किया और उसकी मृत्यु हो गई।
प्रश्न-15 कर्ण ने अर्जुन से क्या कहा?
उत्तर - कर्ण ने अर्जुन से कहा कि जो भी करतब उसने यहाँ दिखाए हैं, उनसे बढ़कर कौशल वह दिखा सकता है।
प्रश्न-16 अर्जुन ने पाठ में क्या निंदा योग्य बताया है?
उत्तर - सभा में जो बिना बुलाए आते हैं और जो बिना किसी के पूछे बोलने लगते हैं, उसे अर्जुन ने निंदा योग्य बताया है।
प्रश्न-17 सभी दर्शक और राजवंश के सभी उपस्थित लोग क्या देख कर दंग रह गए?
उत्तर - अर्जुन ने धनुष विद्या में कमाल का खेल दिखाया। उसकी अदभुत चतुरता को देख कर सभी दर्शक और राजवंश के सभी उपस्थित लोग दंग रह गए।
प्रश्न-18 कौन रंगभूमि में अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया?
उत्तर - कर्ण रंगभूमि में अर्जुन के सामने आकर खड़ा हो गया।
प्रश्न-19 दुर्योधन ने कर्ण को किस देश का राजा घोषित किया?
उत्तर - दुर्योधन ने कर्ण को अंगदेश का राजा घोषित किया।
प्रश्न-20 किसने किससे कहा?
i. “युद्ध में तुम जिस किसी को लक्ष्य करके इसका प्रयोग करोगे, वह अवश्य मारा जाएगा, परंतु एक ही बार तुम इसका प्रयोग कर सकोगे।”
इंद्र ने कर्ण से कहा।
ii. “बेटा, सच बताओ, तुम कौन हो?”
परशुराम ने कर्ण से कहा।
iii. “चूँकि तुमने अपने गुरु को ही धोखा दिया है, इसलिए जो विद्या तुमने मुझसे सीखी है, वह अंत समय में तुम्हारे किसी काम नहीं आएगी।”
परशुराम ने कर्ण से कहा।
iv. “यह उत्सव केवल तुम्हारे लिए नहीं मनाया जा रहा है। सभी प्रजाजन इसमें भाग लेने का अधिकार रखते हैं।”
कर्ण ने अर्जुन से कहा।
v. “मैं अर्जुन से द्वन्द्ध युद्ध और आपसे मित्रता करना चाहता हूँ।”
कर्ण ने दुर्योधन से कहा।
vi. “सारथी के बेटे, धनुष छोड़कर हाथ में चाबुक लो, चाबुक ! वही तुम्हे शोभा देगा।”
भीम ने कर्ण से कहा।
vii. “अज्ञात वीर! महाराज पांडु का पुत्र और कुरुवंश का वीर अर्जुन तुम्हारे साथ द्वन्द्ध युद्ध करने के लिए तैयार है।”
कृपाचार्य ने कर्ण से कहा।