Topic outline

    • भीम और हनुमान

      (Page 45)

       

       

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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1 बंदर ने अपना परिचय क्या दिया?

      उत्तर – बंदर ने कहा की वह ही हनुमान है।

       

      प्रश्न-2 भीम जब फूल लाने गए तो रास्ते में उनकी किससे भेंट हुई?

      उत्तर - भीम जब फूल लाने गए तो रास्ते में उनकी हनुमान से भेंट हुई।

       

      प्रश्न-3 भीम बंदर को लाँघना क्यों नहीं चाहते थे?

      उत्तर -  भीम बंदर को लाँघना इसलिए नहीं चाहते थे क्योंकि किसी जानवर को लाँघना अनुचित कहा गया है।

       

      प्रश्न-4 भीम की बातों को सुनकर बंदर ने क्या कहा?

      उत्तर – बंदर बोला-"देखो भाई, मैं बूढ़ा हूँ। कठिनाई से उठ-बैठ सकता हूँ। ठीक है, यदि तुम्हें आगे बढ़ना ही है, तो मुझे लाँघकर चले जाओ।"

       

      प्रश्न-5 द्रौपदी ने सुंदर फूल को देखकर भीमसेन से क्या कहा?

      उत्तर - द्रौपदी ने उस सुंदर फूल को उठा लिया और भीमसेन के पास जाकर बोली-"क्या तुम जाकर ऐसे ही कुछ और फूल ला सकोगे?"

       

      प्रश्न-6 भीमसेन को बंदर की पूँछ न उठा पाने पर कैसा लगा?

      उत्तर -  भीमसेन  बंदर की पूँछ उठा पाने पर बड़ा लज्जित हुआ। उसका गर्व चूर हो गया। उसे बड़ा विस्मय होने लगा कि उससे अधिक ताकतवर यह कौन है!



      प्रश्न-7 भीम को किस कारण लज्जित होना पड़ा?

      उत्तर – भीम ने दोनों हाथों से पूँछ पकड़कर खूब जोर लगाया। किंतु पूँछ वैसी-की-वैसी ही धरी रही। इस कारण भीम बड़ा लज्जित हुआ और उसका गर्व चूर हो गया।

       

      प्रश्न-8 मारुती ने भीमसेन को क्या आशीर्वाद दिया?

      उत्तर – मारुती ने भीमसेन को आशीर्वाद देते हुए कहा -" भीम! युद्ध के समय तुम्हारे भाई अर्जुन के रथ पर उड़नेवाली ध्वजा पर मैं विद्यमान रहूँगा। विजय तुम्हारी ही होगी।"

       

      प्रश्न-9  क्रोधित भीम ने बंदर को अपना परिचय किस प्रकार दिया?

      उत्तर -  बंदर के उपदेश देने पर भीमसेन को बड़ा क्रोध आया और बोले - जानते हो, मैं कौन हूँ? मैं कुरुवंश का वीर, कुंती का बेटा हूँ। मुझे रोको मत! मेरे रास्ते से हट जाओ और मुझे आगे जाने दो।"

       

      प्रश्न-10 जब भीम ने बंदर की पूँछ हटाने का प्रयास किया तब क्या हुआ?

      उत्तर – भीमसेन ने बंदर की पूँछ एक हाथ से पकड़ ली, लेकिन पर वह उनसे ज़रा भी नहीं हिली। उसने दोनों हाथों से पूँछ पकड़कर खूब जोर लगाया। किंतु पूँछ वैसी-की-वैसी ही धरी रही।

       

      प्रश्न-11 बंदर ने भीमसेन से करुण स्वर में क्या कहा?

      उत्तर – बंदर बड़े करुण स्वर में भीमसेन से बोला-"हे वीर! शांत हो जाओ! इतना क्रोध न करो। यदि मुझे लाँघना तुम्हें अनुचित लगता हो, तो मेरी इस पूँछ को हटाकर एक ओर कर दो और चले जाओ।”


      प्रश्न-12 फूल को लाने के लिए भीम को किन - किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ा?

      उत्तर – द्रौपदी की इच्छा पूरी करने के लिए भीमसेन उस फूल की तलाश में निकल पड़े। चलते-चलते वह पहाड़ की घाटी में जा पहुँचे , जहाँ केले के पेड़ों का एक विशाल बगीचा लगा हुआ था। | बगीचे के बीच एक बड़ा भारी बंदर रास्ता रोके लेटा हुआ था। भीम को बंदर ने लाँघकर चले जाने को कहा। परन्तु भीम को यह अनुचित लगा। इस पर बंदर ने कहा कि अगर ऐसा है तो मेरी पूँछ को हटाकर चले जाओ। भीमसेन बंदर की पूँछ हिला नहीं पाए। बंदर ने भीम के द्वारा पूछने पर अपने आप को हनुमान बताया। भीम ने हनुमान से माफ़ी मांगी और  इसके बाद हुनमान ने भीमसेन को पास के झरने में खिले हुए सुगंधित फूल दिखाए। भीम ने जल्दी से फूल तोड़े और वेग से आश्रम की ओर लौट गए।



      प्रश्न-13 किसने किससे कहा?

      i. “क्या तुम जाकर ऐसे ही कुछ और फूल ला सकोगे?”

      द्रौपदी ने भीमसेन से कहा।

      ii. “मैं कुछ अस्वस्थ हैं। इसलिए लेटा हुआ हूँ।

      बंदर ने भीम से कहा।

      iii. “भाई, मुझे जरा बताना कि वह हनुमान कौन था, जो समुद्र को लाँघ गया था।

      बंदर ने भीम से कहा।

      iv. “क्या कहा? तुम महावीर हनुमान को नहीं जानते?”

      भीम ने बंदर से कहा।

      v. “हे वीर! शांत हो जाओ! इतना क्रोध करो।

      बंदर ने भीम से कहा।

      vi. “मुझे क्षमा करें। आप कौन हैं?”

      भीम ने बंदर से कहा।