Topic outline

    • लंका में हनुमान (Page 65)

       

      Image from NCERT book



      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  हनुमान जी ने सीताजी को किस प्रकार अपना परिचय दिया?

      उत्तर-  हनुमान जी ने सीताजी को अपने आप को श्रीराम का दास और किष्किंधा के वानरराज सुग्रीव का अनुचर बताया ।

       

      प्रश्न-2   राक्षसी त्रिजटा ने सपने में क्या देखा?

      उत्तर-  त्रिजटा ने सपने में देखा कि पूरी लंका समुद्र में डूब गई है।

       

      प्रश्न-3   राक्षसियों के जाने के बाद हनुमान सीता से मिलने के लिए पेड़ से क्यों नहीं उतरे?

      उत्तर -  राक्षसियों के जाने के बाद हनुमान सीता से मिलने के लिए पेड़ से इसलिए  नहीं उतरे क्योंकि उन्हें लगा कि कहीं सीता उन्हें भी राक्षस या इसे मायावी चाल ना मान लें।

       

      प्रश्न-4   हनुमान ने पेड़ पर बैठे - बैठे किसकी कथा प्रारंभ की?

      उत्तर -  हनुमान ने पेड़ बैठे - बैठे राम कथा प्रारंभ की।

       

      प्रश्न-5   हनुमान ने राम की कौन सी वस्तु सीता को दी?

      उत्तर -  हनुमान ने राम की अँगूठी सीता को दी।



      प्रश्न-6   हनुमान ने सीता के मन की शंका को कैसे दूर किया?

      उत्तर -  हनुमान ने पर्वत पर फेंके आभूषणों की याद दिलाकर सीता के मन के संदेह को दूर किया ।

       

      प्रश्न-7: किसने किससे कहा?

      i.        “कहीं सीता मुझे भी राक्षस न समझ लें । मायावी चाल मान लें ।”

      हनुमान ने स्वयं से कहा।

       

      ii.       “तुम्हें डरने की आवश्यकता नहीं है, सुमुखी!”

      रावण ने सीता से कहा।

       

      iii.      “सोच लो, तुम्हारे पास अब केवल दो महीने बचे हैं।”

      रावण ने सीता से कहा।

       

      iv.      “ऐसा कभी नहीं होगा, दुष्ट! राम के सामने तुम्हारा अस्तित्व ही क्या है?”

      सीता ने रावण से कहा।

       

      v.       “तुम्हें कोई नहीं बचा सकता मूर्ख राक्षस! तुम्हारा अंत निकट है।”

      सीता ने रावण से कहा।

       

      vi.      “तुम मूर्ख हो रावण का प्रस्ताव अस्वीकार कर रही हो यह रावण की नगरी है।”

      राक्षसियों ने सीता से कहा।

       

      vii.     “हे माता! मैं राम का दास हूँ। किष्किंधा के वानरराज सुग्रीव का अनुचर।”

      हनुमान ने सीता से कहा।

       

      viii.    “यह उचित नहीं होगा, पुत्र! पकडे गए तो मेरा संदेश भी राम तक नहीं पहुंचेगा।”

      सीता ने हनुमान से कहा।