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      सोने का हिरण (Page 45)


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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  किस डर की आशंका से सीता की आँखों से आँसू बहने लगे?

      उत्तर-  सीता की आँखों से आँसू बहने लगे क्योंकि उन्हें डर था कि कहिं वह राम से बिछड़ न जाएँ ।

       

      प्रश्न-2   “लक्ष्मण राम के लिए राम की आज्ञा का उल्लंघन कर रहे थे ।” स्पष्ट कीजिए ।

      उत्तर-  राम ने लक्ष्मण को सीता की रक्षा करने का आदेश दिया था पर सीता के कहने पर लक्ष्मण को उनको छोड़ कर राम को ढूंढने जंगल में जाना पड़ा ।

       

      प्रश्न-3   लक्ष्मण के जाते ही कौन आ पहुँचा?

      उत्तर -  लक्ष्मण के जाते ही रावण आ पहुँचा ।

       

      प्रश्न-4   रावण किस वेश में आया था?

      उत्तर -  रावण तपस्वियों के वेश में आया था ।

       

      प्रश्न-5   रावण ने सीता के किन गुणों की प्रशंसा की?

      उत्तर -  रावण ने सीता के स्वरुप, संस्कार और साहस की प्रशंसा की ।

       

       

      प्रश्न-6   जब सीता ने रावण के साथ जाने से इंकार कर दिया तब रावण ने क्या किया?

      उत्तर -  रावण ने सीता की बात अनसुनी कर दी और खींच कर रथ पर बैठा लिया ।

       

      प्रश्न-7   सीता जी किसे -किसे अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं?

      उत्तर -  सीता जी पशुओं, पक्षियों, पर्वतों, नदियों से अपनी सूचना रामजी तक पहुँचाने को कह रहीं थीं ।



      प्रश्न-8   जटायु ने किस प्रकार सीताजी की सहायता की?

      उत्तर -  जटायु ने सीता का विलाप सुना । उसने ऊँची उड़ान भरी और रावण के रथ पर हमला कर दिया । वृद्ध गिद्धराज ने रथ क्षत - विक्षत कर दिया और रावण को भी घायल कर दिया ।

       

      प्रश्न-9   क्रोधित रावण ने जटायु के साथ क्या किया?

      उत्तर -  क्रोधित रावण ने जटायु के पंख काट दिए ।

       

      प्रश्न-10   रथ टूट जाने पर रावण किस प्रकार सीता को ले गया?

      उत्तर -  रथ टूट जाने पर रावण ने तत्काल सीता को अपनी बाँहों में दबाया और दक्षिण दिशा की ओर उड़ने लगा ।

       

      प्रश्न-11   किसने किससे कहा?

      i. “राम से बिछुड़कर मैं नहीं रह सकती मैं जान दे दूँगी ।”

         सीता ने लक्ष्मण से कहा ।

       

      ii. “मैं प्राण त्याग दूँगी लेकिन तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगी ।”

         सीता ने रावण से कहा ।

       

      iii. “सुमुखी! मैं रावण हूँ ।राक्षसों का राजा ।लंकाधिपति ।मेरा नाम लेने पर लोग थरथरा उठते हैं ।”

         रावण ने सीता से कहा ।

       

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