दो वरदान (Page 15)
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 राजा दशरथ ने राज्याभिषेक के संबंध में राम से क्या कहा?
उत्तर- राजा दशरथ ने राज्याभिषेक के संबंध में राम से कहा कि भरत अयोध्या में नहीं हैं पर वह चाहते हैं कि राज्याभिषेक का कार्यक्रम न रोका जाए । जनता ने उन्हें अपना राजा चुना है । राजधर्म का पालन करना और कुल की मर्यादा की रक्षा अब उनके हाथ में है ।
प्रश्न-2 कैकेयी की दासी का क्या नाम था?
उत्तर- कैकेयी की दासी का नाम मंथरा था ।
प्रश्न-3 राज्याभिषेक की तैयारियों को मंथरा ने पहले क्या समझा?
उत्तर - राज्याभिषेक की तैयारियों की चहल पहल को मंथरा ने कोई अनुष्ठान समझा ।
प्रश्न-4 मंथरा को राम के राज्याभिषेक के बारे में कैसे पता चला?
उत्तर - मंथरा को राम के राज्याभिषेक के बारे में कौशल्या की दासी से पता चला ।
प्रश्न-5 मंथरा क्यों जलभुन गई?
उत्तर - मंथरा राम के राज्याभिषेक के बारे में सुन कर जलभुन गई ।
प्रश्न-6 मंथरा ने राम के राज्याभिषेक को क्या समझा?
उत्तर - मंथरा ने राम के राज्याभिषेक को रानी कैकेयी के विरुद्ध षड्यंत्र समझा ।
प्रश्न-7 मंथरा ने कैकेयी से क्या कहा?
उत्तर - मंथरा ने कैकेयी से कहा “अरे मेरी मूर्ख रानी ! उठ । तेरे ऊपर भयानक विपदा आने वाली है । यह समय सोने का नहीं है । होश में आओ । विपत्ति का पहाड़ टूटे, इससे पहले जाग जाओ ।”
प्रश्न-8 मंथरा से राम के राज्याभिषेक के बारे में जानने के बाद कैकेयी की क्या प्रतिक्रिया थी?
उत्तर - मंथरा से राम के राज्याभिषेक के बारे में जानने के बाद कैकेयी प्रसन्न हुई और प्रसन्नता से अपने गले का हार उतारकर मंथरा को दे दिया ।
प्रश्न-9 रानी कैकेयी की मुंहलगी दासी कौन थी?
उत्तर - रानी कैकेयी की मुंहलगी दासी मंथरा थी ।
प्रश्न-10 किसने किससे कहा?
i. “जनता ने तुम्हें अपना राजा चुना है ।”
राजा दशरथ ने राम से कहा ।
ii. “अरे मेरी मूर्ख रानी! उठ । तेरे ऊपर भयानक विपदा आने वाली है ।”
मंथरा ने रानी कैकेयी से कहा ।
iii. “यह तो बहुत शुभ समाचार है ।”
रानी कैकेयी ने मंथरा से कहा ।
iv. “मैं प्रसन्न हूँ । राम युवराज के पद के लिए हर तरह योग्य हैं ।”
रानी कैकेयी ने मंथरा से कहा ।
v. “यह षड्यंत्र नहीं तो क्या है।”
मंथरा ने रानी कैकेयी से कहा ।