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      ‘नादान दोस्त’

      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-17 केशव और श्यामा के मन में अंडों को देखकर तरह-तरह के सवाल क्यों उठते थे?

      उत्तर - केशव और श्यामा छोटे बच्चे थे इसलिए अंडों को देखकर उनके मन में अनेक प्रश्न उठते थे। वे अंडों के बारे में जानना चाहते थे और उनका अनुमान लगाते थे।

       

      प्रश्न-18 पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगीं? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।

      उत्तर - दोनों चिड़ियाँ वहाँ फिर इसलिए नहीं दिखाई दीं क्योंकि उनके सारे अंडे टूट गए थे। वे घोंसला बनाने और अंडे देने के लिए सुरक्षित स्थान की तलाश में कहीं दूर चली गई होंगीं।



      प्रश्न-19 केशव और श्यामा चिड़िया के बच्चों के खाने पीने के विषय में क्यों परेशान थे और उन्होंने इस विषय में क्या किया?

      उत्तर - केशव और श्यामा चिड़िया के बच्चों के खाने पीने के विषय में इसलिए परेशान थे क्योंकि उन्हें लगा कि चिड़िया बेचारी इतना दाना कहाँ पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भरे सके। गरीब बच्चे भूख के मारे चूँ - चूँ करके मर जाएँगे। इसी कारण उन्होंने दाना और पानी की प्याली अंडे के पास में ही रख दिया।

       

      प्रश्न-20 माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?

      उत्तर - माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में अंडों को देखने और उनकी हिफ़ाजत की तैयारी के लिए बाहर निकल आए। माँ के पूछने पर भी दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण पिटाई के डर से नहीं बताया।

       

      प्रश्न-21 अंडों का क्या हुआ? उन्हें देख केशव के चेहरे का रंग क्यों उड़ गया?

      उत्तर - अंडे गंदे हो गए थे इसलिए चिड़िया ने उन्हें सेया नहीं और निचे गिराकर नष्ट कर दिया। उनसे कोई चूने की - सी चीज़ बाहर निकल आई थी। वह सब देखकर केशव के चेहरे का रंग उड़ गया क्योंकि वह समझ गया था कि अंडों के रूप में चिड़िया के बच्चे नष्ट हो गए।



      प्रश्न-22 केशव को किस बात पर अफ़सोस होता रहा?

      उत्तर - अंडों की हिफ़ाजत करने के जोग में केशव ने उनका सत्यानाश कर डाला था। उसे नहीं मालूम था कि छूने से चिड़ियों के अंडे गंदे हो जाते हैं और चिड़िया फिर उन्हें सेती नहीं है। उसकी नादानी के कारण अंडे नष्ट हो गए। केशव को अपनी इस गलती पर अफ़सोस होता रहा।

       

      प्रश्न-23 इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सरदी या बरसात के दिन होते तो क्या - क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ।

      उत्तर - अगर सरदी के दिन होते तो केशव और श्यामा अंडों को ठंड से बचाने का जुगाड़ करते। उनकी माँ उन्हें ठंड में बाहर जाने के लिए डाँटती। अगर बरसात के दिन होते तो केशव और श्यामा अंडों को पानी से बचाने का जुगाड़ करते। उनकी माँ उन्हें बारिश में बाहर जाने के लिए डाँटती।

       

      प्रश्न-24 अंडों के टूट जाने के बाद माँ के यह पूछने पर कि-‘तुम लोगों ने अंडों को छुआ होगा। के जवाब में श्यामा ने क्या कहा और उसने ऐसा क्यों किया?

      उत्तर - श्यामा ने अपनी माँ को सच बता दिया कि भईया ने अंडों को छुआ था। चिड़िया के टूटे हुए अंडों को देख कर श्यामा को लगा कि भइया ने ही शायद अंडों को इस तरह रख दिया कि वह नीचे गिर पड़े। उसे लगा कि इसकी भइया को सज़ा मिलनी चाहिए और उसने माँ को सब कुछ सच - सच बता दिया।



      प्रश्न-25 केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?

      उत्तर - केशव और श्यामा के द्वारा चिड़िया के अंडों की रक्षा के लिए किए गए उपाय उनकी नादानी सिद्ध हुए। उन्हें नहीं मालूम था कि छूने से चिड़ियों के अंडे गंदे हो जाते हैं और चिड़िया फिर उन्हें नहीं सेती। अंडों की हिफ़ाजत करने के जोग में उन्होंने उनका सत्यानाश कर डाला। चिड़िया अपने अंडों की रक्षा स्वंय कर सकती थी।

       

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