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      ‘नादान दोस्त’

      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1 चिड़िया ने कितने अंडे दिए थे?

      उत्तर - चिड़िया ने तीन अंडे दिए थे।

       

      प्रश्न-2 चिड़िया ने अंडे कहाँ दिए थे?

      उत्तर - चिड़िया ने अंडे कार्निस पर दिए थे।

       

      प्रश्न-3 यकायक श्यामा की नींद कब खुली?

      उत्तर - यकायक श्यामा की नींद चार बजे खुली।

       

      प्रश्न-4 टूटे अंडों से क्या चीज़ बाहर निकल आई थी?

      उत्तर - टूटे अंडों से उजला उजला पानी बाहर निकल आई थी।



      प्रश्न-5 केशव अंडों को देखने के लिए कार्निस तक कैसे पहुँचा था?

      उत्तर - केशव अंडों देखने के लिए कार्निस तक स्टूल की मदद से पहुँचा था।

       

      प्रश्न-6 माँ ने बच्चों को बाहर निकलने से क्यों मना किया था?

      उत्तर - माँ ने बच्चों को बाहर धूप के कारण निकलने से मना किया था।

       

      प्रश्न-7 श्यामा भाई से बार - बार क्या आग्रह कर रही थी?

      उत्तर - श्यामा भाई से बार - बार अंडे दिखाने के लिए आग्रह कर रही थी।

       

      प्रश्न-8 माँ ने दोनों को डाँट - डपटकर फिर कमरे में बंद कर दिया और आप धीरे - धीरे उन्हें पंखा झलने लगी। उस समय क्या समय हो रहा था?

      उत्तर - उस समय दोपहर के दो बजे थे।

       

      प्रश्न-9 पाठ में चिड़िया के बच्चों को 'गरीब बच्चे' की संज्ञा क्यों दी गई है?

      उत्तर - पाठ में चिड़िया के बच्चों को 'गरीब बच्चे' की संज्ञा उनके प्रति दयालुता के भाव से दी गई है।



      प्रश्न-10 श्यामा ने माँ से केशव की शिकायत क्यों नहीं की थी?

      उत्तर - श्यामा सिर्फ़ मुहब्बत के मारे चुप थी। इसका दूसरा कारण था कि वह भी इस कसूर में हिस्सेदार थी।

       

      प्रश्न-11 केशव किस बात से अनजान था?

      उत्तर - केशव इस बात से अनजान था कि छूने से चिड़ियों के अंडे गंदे हो जाते हैं और चिड़िया फिर उन्हें नहीं सेती।

       

      प्रश्न-12 प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम 'नादान दोस्त' रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?

      उत्तर - मैं प्रेमचंद की कहानी 'नादान दोस्त' का अन्य शीर्षक नाम 'बच्चों की नादानी', 'चिड़िया के अंडे' या  'नादान बचपन' देना चाहूँगा।

       

      प्रश्न-13 सही उत्तर क्या है?

      अंडों की देखभाल के लिए केशव और श्यामा धीरे से बाहर निकले क्योंकि-

      () वे माँ की नींद नहीं तोड़ना चाहते थे।

      () माँ नहीं चाहती थीं कि वे चिड़ियों की देखभाल करें।

      () माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।

      उत्तर - अंडों की देखभाल के लिए केशव और श्यामा धीरे से बाहर निकले क्योंकि-

      () माँ नहीं चाहती थीं कि वे बाहर धूप में घूमें।

       

      प्रश्न-14 इस कहानी का शीर्षक नादान दोस्त क्यों रखा गया है?

      उत्तर - इस कहानी का शीर्षक नादान दोस्त इसलिए रखा गया है क्योंकि बच्चे चिड़िया और अंडों के प्रति अपनी दोस्ती निभा रहे थे परन्तु नादानी में वे अंडों की हिफ़ाजत करने के जोग में उनका नुकसान कर देते हैं।



      प्रश्न-15 केशव श्यामा को अंडे क्यों नहीं देखने दे रहा था?

      उत्तर - केशव श्यामा को अंडे इसलिए नहीं देखने दे रहा था क्योंकि श्यामा उससे छोटी थी और उसे डर था कि कहीं वह अंडे देखने में स्टूल से गिर न जाए और उसे इसके लिए अम्माँ से डाँट न खानी पड़े।

       

      प्रश्न-16 दोनों चिड़ियाँ बार - बार कार्निस पर आती थीं पर बगैर बैठे ही क्यों उड़ जाती थीं?

      उत्तर - कार्निस पर चिड़िया ने अंडे दिए थे। चिड़ा और चिड़िया दोनों अंडों को देखने आते थे। लेकिन वह अंडे गंदे हो चुके थे इसलिए वे उन्हें सेते नहीं थे। यही कारण था कि वे बगैर बैठे ही उड़ जाती थीं।

       

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