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      बाज और साँप

      प्रश्न / उत्तर

       

      प्रश्न-1 'बाज और साँप' कहानी के लेखक कौन हैं?

      उत्तर – 'बाज और साँप' कहानी के लेखक निर्मल वर्मा जी हैं।

       

      प्रश्न-2 साँप ने बाज़ को अभागा क्यों कहा?

      उत्तर – साँप ने बाज़ को अभागा इसलिए कहा क्योंकि बाज़ ने आकाश की आज़ादी को प्राप्त करने में अपने प्राणों की बाज़ी लगा दी। 

       

      प्रश्न-3 क्या बाज़ का अपने अंतिम समय में उड़ने का निर्णय सही था?

      उत्तर – हमारे अनुसार, बाज़ द्वारा लिया गया निर्णय सही था। बाज़ अपने अंतिम समय में भी स्वतंत्रता का अनुभव करना चाहता था।



      प्रश्न-4 मानव ने भी हमेशा पक्षियों की तरह उड़ने की इच्छा की है। आज मनुष्य उड़ने की इच्छा किन साधनों से पूरी करता है।

      उत्तर – आज मनुष्य अपने उड़ने की इच्छा की पूर्ति हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर, गैस-बैलून आदि से करता है।

       

      प्रश्न-5 साँप अपनी गुफा से क्या - क्या देखा करता था?

      उत्तर – अपनी गुफा में बैठा हुआ साँप सब कुछ देखा करता - लहरों का गर्जन, आकाश में छिपती हुई पहाड़ियाँ, टेढ़ी मेढ़ी बल खाती हुई नदी।

       

      प्रश्न-6 साँप ने पक्षियों को मूर्ख क्यों कहा है?

      उत्तर – साँप के अनुसार पक्षी धरती के सुख से अनजान रहकर आकाश की ऊँचाईयों को नापना चाहते हैं जब कि आकाश में कुछ रखा ही नहीं है। इसलिए उसने पक्षियों को मूर्ख कहा है।

       

      प्रश्न-7 बाज के लिए लहरों ने गीत क्यों गाया था? 

      उत्तर – बाज साहसी था। उसने अपने प्राणों की बाज़ी लगाकर ज़िंदगी के हर खतरे का बहादुरी से सामना किया था। ऐसे बहादुर लोग मरकर भी अमर रहते हैं। इनके प्रति गर्व और श्रद्धा का भाव प्रकट करते हुए लहरों ने गीत गाया था।



      प्रश्न-8 एक दिन साँप की गुफा में कौन आ गिरा और उसकी हालत कैसी थी?

      उत्तर – एक दिन एकाएक आकाश में उड़ता हुआ खून से लतपथ एक बाज़ साँप की गुफा में आ गिरा। उसकी छाती पर कितने ही ज़ख्मों के निशान थे, पंख खून से सने थे और वह अधमरा सा ज़ोर - शोर से हाँफ रहा था।

       

      प्रश्न-9 लेखक साँप और बाज़ के माध्यम से क्या शिक्षा देना चाहता है?

      उत्तर – लेखक इन पात्रों के माध्यम से मनुष्य को कायर न बनकर, स्वच्छंद व निडर बनने की प्रेरणा देना चाहता है। मनुष्य को अपने जीवन के अंतिम समय तक परिस्थितियों से हार न मान कर चुनौतियों का डट कर सामना करना चाहिए।

       

      प्रश्न-10 घायल बाज को देखकर साँप खुश क्यों हुआ होगा?

      उत्तर – साँप का शत्रु बाज है चूँकि वो उसका आहार होता है। यदि बाज़ घायल नहीं होता तो वह साँप को जिंदा नहीं छोड़ता। घायल बाज उसे किसी प्रकार का आघात नहीं पहुँचा सकता था इसलिए घायल बाज को देखकर साँप के लिए खुश होना स्वाभाविक था।

       

      प्रश्न-11 बाज़ को आकाश में उड़ने के लिए छटपटाता देख साँप ने बाज़ से क्या कहा?

      उत्तर – साँप ने बाज़ से कहा -"यदि तुम्हें स्वतंत्रता इतनी ही प्यारी है तो इस चट्टान के किनारे से ऊपर क्यों नहीं उड़ जाने की कोशिश करते। हो सकता है कि तुम्हारे पैरों में अभी इतनी ताकत बाकी हो कि तुम आकाश में उड़ सको। कोशिश करने में क्या हर्ज़ है?"



      प्रश्न-12 घायल होने के बाद भी बाज ने यह क्यों कहा, “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” विचार प्रकट कीजिए।

      उत्तर – घायल होने के बाद भी बाज ने यह कहा कि – “मुझे कोई शिकायत नहीं है।” उसने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि बाज की ज़िंदगी खूब रही है और उसने उसे जी भरकर भोगा। जब तक शरीर में ताकत रही, कोई सुख ऐसा नहीं बचा जिसे उसने न भोगा हो। उसने दूर - दूर तक उड़ाने भरी हैं, आकाश की असीम ऊँचाईयों को अपने पंखों से नापा है।

       

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