उत्तर – ‘बिलवासी’ जी ने यह बात ‘लाला झाऊलाल’ से कही क्योंकि जो वो रूपये लाए थे उसके पीछे कुछ ऐसी बात थी जिसे वे किसी को बताना नहीं चाहते थे। बात यह थी कि बिलवासी जी ने लाला झाऊलाल की मदद करने के लिए अपनी पत्नी के संदूक से चोरी करके रूपयों का प्रबंध किया था।
उत्तर – "बिलवासी" जी ने अपने मित्र "लाला झाऊलाल” की सहायता करने के लिए अपनी पत्नी के संदूक से रूपए चुराए थे। इसीलिए "बिलवासी” जी अपनी पत्नी के सोने की प्रतीक्षा कर रहे थे ताकि वे अपनी पत्नी के गले से सिकड़ी निकल सकें और उसमें लगी ताली से संदूक खोल कर चुपचाप पैसे वापस रख सकें। यही कारण था कि उन्हें उस रात देर तक नींद नहीं आ रही थी।
उत्तर – लाला झाऊलाल को बेढंगा लोटा बिलकुल पसंद नहीं था। फिर भी उन्होंने चुपचाप लोटा ले लिया क्योंकि वे अपनी पत्नी का अदब मानते थे। वे अपनी पत्नी के स्वभाव से भी अवगत थे इसलिए उन्होंने सोचा की अभी लोटे में पानी दिया है, तब भी गनीमत है, अभी अगर चूँ कर देता हूँ तो बाल्टी में भोजन न करना पड़े। यही सोच कर उन्होंने चुप रहना बेहतर समझा।
उत्तर – दो और दो जोडकर स्थिति को समझने का अर्थ है 'परिस्थिति को भाँप लेना'। लाला झाऊलाल एक चतुर व्यक्ति थे। लोटा गिरने पर गली में ज़ोर का हल्ला उठा और एक भारी भीड़ उनके आँगन में घुस आई। एक अंग्रेज को भीगे हुए तथा पैर सहलाते हुए देखकर वे समझ गए कि स्थिति गंभीर है और इस समय उनका शांत रहना ही ठीक है।
उत्तर – परिस्थिति देखकर बिलवासी जी के दिमाग में लाला झाऊलाल की समस्या को हल करने का उपाए आया। वे अपनी इस योजना को पुरी करना चाहते थे जिससे वे लाला जी के लिए पैसों का इंतज़ाम कर सकें। अगर वो लाला जी को पहचान लेते तो उनकी योजना विफल हो जाती, इसलिए वे ऐसा अजीब व्यवहार कर रहे थे जिससे अंग्रेज़ का क्रोध शांत हो जाए और उसे ज़रा भी संदेह न हो कि लाला झाऊलाल और वो एक दूसरे से परिचित हैं।
उत्तर – अंग्रेज़ ने यह पुराना लोटा इसलिए खरीद लिया क्योंकि वह अपने पड़ोसी मेजर डगलस के घमंड को चूर करना चाहता था। वह उसे दिखाना चाहता था कि सिर्फ़ उसी के पास ऐतिहासिक महत्व रखने वाला जहाँगीरी अंडा नहीं है, बल्कि उसके पास भी अकबरी लोटा है, जिसका ऐतिहासिक महत्व जहाँगीरी अंडे से अधिक है। अंग्रेज़ व्यक्ति की पुरानी और ऐतिहासिक चीजों की संग्रह करने में अपने पड़ोसी से होड़ लगी रहती थी।
उत्तर – झाऊलाल और उनकी पत्नी के बीच की इस बातचीत से निम्न बातें उजागर होती हैं –
1. झाऊलाल की पत्नी को अपने पति झाऊलाल की बातों पर भरोसा नहीं था।
2. यह भी हो सकता है कि पहले कभी उनकी पत्नी ने उनसे कुछ माँगा हो परन्तु हाँ करके भी उन्होंने उसे पूरा न किया हो।
3. झाऊलाल कंजूस प्रवृत्ति के हैं।