उत्तर – शुरूआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया। इसका प्रमुख कारण उनका स्वार्थ था। वे इस गाँव के एकमात्र लेड़ीज साइकिल डीलर थे। इस आंदोलन के कारण उनके यहाँ साइकिल की बिक्री में काफी वृद्धि हुई।
उत्तर – “…उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकडे हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते है.." लेखक के इस कथन से हम सहमत हैं क्योंकि मनुष्य एक स्वच्छंद प्राणी है और वह अधिक समय तक बंधनों में नहीं रह सकता है। जब परंपरागत और रूढ़िग्रस्त मान्यताएँ सीमाओं को लाँघने लगती हैं तो समाज में इसके विरूद्ध क्रांति अवश्य जन्म लेती है। जो इन रूढ़ियों के बंधनों को तोड़ डालती है। समय के साथ-साथ विचारधाराओं में भी परिवर्तन होता रहता है और ये परिवर्तन हमारे प्रगति के लिए आवश्यक भी है।
उत्तर – इस आंदोलन ने महिलाओं को बहुत आत्मविश्वास प्रदान किया है। इससे उनके आय में वृद्धि हुई है। यहाँ की कुछ महिलाएँ अलग - बगल के गाँवों में कृषि संबंधी अथवा अन्य उत्पाद बेच आती हैं। साईकिल की वजह से बसों के इंतज़ार में व्यय होने वाला उनका समय बच जाता है। महिलाओं को कार्य पर जाने के लिए बस का इंतज़ार नहीं करना पड़ता। उन्हें घर से निकलने के लिए अपने पति, भाई, पिता या बेटों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। वह बहुत सारे घऱेलू कार्य स्वंय कर पाती हैं। कार्य हो जाने पर, घर जल्दी पहुँचने से उन्हें आराम का समय भी मिल जाता है।