उत्तर - इस कहानी के लेखक कामतानाथ जी हैं।
उत्तर - रज्जो बदलू की बेटी थी।
उत्तर - लेखक ने पाठ में अपना नाम जनार्दन बताया है।
उत्तर - बदलू को संसार में सबसे ज़्यादा काँच की चूड़ियों से चीढ़ थी।
उत्तर - बदलू का स्वभाव बहुत सीधा था क्योंकि लेखक ने कभी भी उसे झगड़ते नहीं देखा था।
उत्तर - बदलू अपना कार्य एक मचिये पर बैठ कर करता था जो की बहुत पुरानी थी।
उत्तर - गाँव में लेखक का दोपहर का समय अधिकतर बदलू के पास बीतता।
उत्तर - बदलू लेखक को 'लला' कह कर बुलाता था।
उत्तर - बदलू एक मनिहार था। चूड़ियाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूड़ियाँ बनता था।
उत्तर - बदलू लेखक के पढ़ाई के बारे में, कभी लेखक के घर के बारे में और कभी यों ही शहर के जीवन के बारे में पूछता था।
उत्तर - रज्जो ने जो लाख की चूड़ियाँ पहन रखी थी वह बदलू ने जमींदार साहब की बेटी के विवाह पर बनाया था।
उत्तर - बदलू ने जमींदार साहब को चूड़ियाँ इसलिए नहीं दी क्योंकि वह उसे सिर्फ़ दस आने पैसे दे रहे थे जो उसे बहुत कम लगी।
उत्तर - व्यवसाय बंद होने के कारण बदलू की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। गाय को पालना उसके लिए मुश्किल हो रहा था इसलिए उसे गाय बेचनी पड़ी थी।
उत्तर - जिन दिनों बदलू की गाय के दूध होता वह सदा लेखक के लिए मलाई बचाकर कर रखता और आम की फसल में वह लेखक को आम खिलता था।
उत्तर - बदलू कभी भी चूड़ियों को पैसों से नहीं बेचता था। उसका अभी तक वस्तु - विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूड़ियाँ ले जाते थे।
उत्तर - शादी विवाह के अवसरों पर बदलू ज़िद पकड़ लेता था। जीवन भर चाहे कोई उससे मुफ़्त चूड़ियाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था।
उत्तर - सारे गाँव में लेखक को बदलू ही सबसे अच्छा आदमी इसलिए लगता था क्योंकि वह लेखक को सुंदर - सुंदर लाख की गोलियाँ बना कर देता था।
उत्तर - लेखक एक लंबी अवधि तक अपने मामा के गाँव इसलिए नहीं जा सका क्योंकि लेखक के पिता की एक दूर के शहर में बदली हो गई थी।
उत्तर - लेखक जब आठ - दस वर्षों के बाद मामा के गाँव गया तो उसने देखा कि गाँव में लगभग सभी स्त्रियाँ काँच की चूड़ियाँ पहने थीं।