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      भगवान के डाकिए

      प्रश्न / उत्तर


      प्रश्न-12   किन पंक्तियों का भाव है-
      () पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
      () प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता
      है।    

      उत्तर (क) पक्षी और बादल,

      ये भगवान के डाकिए हैं,

      जो एक महादेश से

      दूसरे महादेश को जाते हैं।

      हम तो समझ नहीं पाते हैं

      मगर उनकी लाई चिट्ठियाँ

      पेड़, पौधें, पानी और पहाड़

      बाँचते हैं।

       

      (ख) और एक देश का भाप

      दूसरे देश में पानी

      बनकर गिरता है।



      प्रश्न-13   आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

      उत्तर - हम अपने संवाद बड़ी ही सुगमता सुविधापूर्वक इंटरनेट के माध्यम से भेज पा सकते हैं। किंतु पक्षी और बादल का कार्य धीमी गति से होता है। इंटरनेट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक बात पहुँचाने का सरल तथा तेज माध्यम है। इंटरनेट के माध्यम से हम विचारों का, कार्य का, सूचनाओं का आदान-प्रदान तो कर सकते हैं पर एक सीमा तक लेकिन पक्षी और बादल की तो कोई सीमा ही नहीं है। इंटरनेट के द्वारा हम किसी व्यक्तिगत रायों को जान सकते हैं। किन्तु पक्षी और बादल की चिट्ठियाँ हमें भगवान का सन्देश देते हैं। वे बिना भेदभाव के सारी दुनिया में प्रेम और एकता का संदेश देते हैं।  हमें भी इंटरनेट के माध्यम से प्रेम, एकता और भाईचारा का संदेश विश्व में फैलाना चाहिए।


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