उत्तर - कविता "ध्वनि" के कवि सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" हैं।
उत्तर - इस ऋतु के आने पर सर्दी कम हो जाती है, मौसम सुहावना हो जाता है, पेड़ों में नए पत्ते आने लगते हैं, आम के पेड़ बौरों से लद जाते हैं और खेत सरसों के फूलों से भरे पीले दिखाई देते हैं । अतः राग रंग और उत्सव मनाने के लिए यह ऋतु सर्वश्रेष्ठ मानी गई है और इसलिए इसे ऋतुराज कहा गया है।
उत्तर- कवि को ऐसा विश्वास इसलिए है क्योंकि उसके मन में नया जोश व उमंग है। वह आशावादी है। अभी उसे कई कार्य करने हैं। वह युवा पीढ़ी को आलस्य की दशा से उबारना चाहता है और उन्हें उनके लक्ष्य की ओर प्रेरित करना चाहता है। वह अपने रचनात्मक कार्यों की खुशबू चारों ओर बिखेरना चाहता है।
उत्तर - कवि पुष्पों की तंद्रा और आलस्य दूर हटाने के लिए उन पर अपना हाथ फेरकर उन्हें जगाना चाहता है। वह उनको चुस्त, प्राणवान, आभावान व पुष्पित करना चाहता है। यहाँ कलियाँ आलस्य में पड़े युवकों का प्रतीक है। अतः कवि नींद में पड़े युवकों को प्रेरित कर उनमें नए उत्कर्ष के स्व्प्न जगाना चाहता है। उनके आलस्य को दूर भगा कर उनमें उत्साह का संचार करना चाहता है।
उत्तर - यह कथन सत्य है कि ऋतु परिवर्तन का जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ग्रीष्म ऋतु में झुलसा देने वाली गर्मी पड़ती है। इसलिए गर्मी से बचने के लिए लोग ठंडी चीजें खाते और पीते हैं, जैसे कि लस्सी , निम्बू पानी आदि। सभी लोग गर्मी में सूती के कपडे पहनना पसंद करते हैं। वहीं लोग शीत ऋतु में ठंड से बचने के लिए ऊनी कपडे पहनते है। साथ ही ठण्ड से राहत पाने के लिए गर्म खाद्य पदार्थ खाते और पीते हैं। मौसम का प्रभाव हमारे क्रियाकलापों पर भी पड़ता है।
उत्तर - बातों-बातों में – बातों-बातों में कब घर आ गया पता ही नहीं चला।
रह-रहकर – कल रात से रह-रहकर बारिश हो रही है।
लाल-लाल – राम के गमले में लाल-लाल टमाटर उग गए।
सुबह-सुबह – दादीजी सुबह-सुबह ही उठकर तैयार हो जाती हैं।
रातों-रात – ईश्वर की कृपा से राम रातों-रात अमीर हो गया।
घड़ी-घड़ी – घड़ी-घड़ी शिक्षक उसे पढ़ाई में ध्यान लगाने के लिए टोकते रहते थे।
उत्तर- फूलों को अनंत तक विकसित करने के लिए कवि उन्हें कलियों की स्थिति से निकालकर खिले फूल बनाना चाहता है। कवि का मानना है कि अभी - अभी उसके जीवन में वसंत की बहार आई है। इसलिए वह अपने कोमल हाथों को इन कलियों पर फेर कर उनमें एक नई सुबह को जागृत कर देगा। वह उनके आलस्य को दूर भगा कर और उनमें उत्साह का संचार कर देना चाहता है। अर्थात कवि युवकों के मन में निराशा की भावना को दूर कर उनको अमरता का द्धार दिखाना चाहता है।
उत्तर - वसंत ऋतु में कई त्यौहार मनाए जाते है, जैसे – वसंत-पंचमी, महा शिवरात्रि, होली आदि।
होली
होली बसंत ऋतु में मनाया जाने वाला भारतीय त्योहार है। यह अत्यंत प्राचीन पर्व है और साल के फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस दिन सभी रंगो से खेलते है। इस दिन पर हम लोग खासतौर से बने गुजिया, पापड़, हलवा, पानी-पूरी तथा दही-बढ़े आदि खाते है। होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है।
भक्त प्रह्लाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। वह विष्णु के विरोधी थे जबकि प्रह्लाद विष्णु भक्त थे। उन्होंने प्रह्लाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया।
प्रह्लाद के पिता ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई। होलिका प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई।
यह कथा इस बात का संकेत करती है की बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है। आज भी पूर्णिमा को होली जलाते हैं, और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल, अबीर और तरह-तरह के रंग डालते हैं। यह त्योहार रंगों का त्योहार है।
भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। यह रंग भरा पर्व है जो कि भारतवासियों के द्वारा बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। होली अन्य सभी त्योहारों से थोड़ा हटकर है। इसका संदेश मौज-मस्ती और रंगो से परिपूर्ण है। मानव समुदाय अपने समस्त दुखों, उलझनों एवं संतापों को भुलाकर ही इस त्योहार को उसकी संपूर्णता के साथ मनाता है।