शांतिदूत श्रीकृष्ण
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 पहले श्रीकृष्ण किसके भवन में गए?
उत्तर – पहले श्रीकृष्ण धृतराष्ट्र के भवन में गए।
प्रश्न-2 श्रीकृष्ण हस्तिनापुर किस उद्देश्य से गए?
उत्तर - शांति की बातचीत करने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण हस्तिनापुर गए।
प्रश्न-3 धृतराष्ट्र से मिलने के बाद श्रीकृष्ण किससे मिलने गए?
उत्तर – धृतराष्ट्र से विदा लेकर श्रीकृष्ण विदुर के भवन में गए। कुंती वहीं कृष्ण की प्रतीक्षा में बैठी थी।
प्रश्न-4 श्रीकृष्ण को ठहराने का प्रबंध कहाँ किया गया और क्यों?
उत्तर- दुःशासन का भवन दुर्योधन के भवन से अधिक ऊँचा और सुंदर था। इसलिए धृतराष्ट्र ने आज्ञा दी कि उसी भवन में श्रीकृष्ण को ठहराने का प्रबंध किया जाए।
प्रश्न-5 दुर्योधन ने जब श्रीकृष्ण को भोजन का न्यौता दिया तो उन्होंने क्या कहा?
उत्तर- दुर्योधन ने श्रीकृष्ण का शानदार स्वागत किया और उचित आदर-सत्कार करके भोजन का न्यौता दिया तब श्रीकृष्ण ने कहा-“राजन्! जिस उद्देश्य को लेकर मैं यहाँ आया हूँ वह पूरा हो जाए, तब मुझे भोजन का न्यौता देना उचित होगा।"
प्रश्न-6 विदुर की दृष्टि में श्रीकृष्ण का सभा में जाना क्यों उचित नहीं था?
उत्तर- विदुर की दृष्टि में श्रीकृष्ण का सभा में जाना इसलिए उचित नहीं था क्योंकि दुर्योधनादि के स्वभाव से जो भी परिचित थे, उनका भी यही कहना था कि वे लोग कोई-न-कोई कुचक्र रचकर श्रीकृष्ण के प्राणों तक को हानि पहुँचाने की चेष्टा करेंगे।
प्रश्न-7 श्रीकृष्ण ने सभा में धृतराष्ट्र के सामने क्या प्रस्ताव रखा?
उत्तर – वह धृतराष्ट्र की ओर देखकर बोले-"राजन्! पांडव शांतिप्रिय हैं, परंतु साथ ही यह भी समझ लीजिए कि वे युद्ध के लिए भी तैयार हैं। पांडव आपको पिता स्वरूप मानते हैं। ऐसा उपाय करें, जिससे आप भाग्यशाली बनें।"
प्रश्न-8 श्रीकृष्ण को दुर्योधन के किस बात पर हँसी आ गई और तब उन्होंने क्या किया?
उत्तर - दुर्योधन ने अपने आपको निर्दोष सिद्ध करने की जो चेष्टा की थी, उससे श्रीकृष्ण को हँसी आ गई। तभी श्रीकृष्ण ने दुर्योधन को उन सब अत्याचारों का विस्तार से स्मरण दिलाया, जो उसने पांडवों पर किए थे।
प्रश्न-9 श्रीकृष्ण ने दुर्योधन को क्या समझाते हुए क्या कहा?
उत्तर- श्रीकृष्ण दुर्योधन से बोले-"मैं इतना ही कहना चाहता हूँ कि पांडवों को आधा राज्य लौटा दो और उनके साथ संधि कर लो। यदि यह बात स्वीकृत हो गई, तो स्वयं पांडव तुम्हें युवराज और धृतराष्ट्र को महाराज के रूप में सहर्ष स्वीकार कर लेंगे।"
प्रश्न-10 किसने किससे कहा?
i. “भाई, मालूम होता है, ये लोग आपको कैद करके कहीं पांडवों के हवाले न कर दें।”
दु:शासन ने दुर्योधन से कहा ।
ii. “सभासदो! मैं भी वही चाहता हूँ, जो श्रीकृष्ण को प्रिय है।”
धृतराष्ट्र ने श्रीकृष्ण से कहा ।
iii. “मेरे प्राणों की चिंता आप न करें।”
श्रीकृष्ण ने विदुर से कहा ।
iv. “उनकी सभा में आपका जाना भी उचित नहीं है।”
विदुर ने श्रीकृष्ण से कहा।