Topic outline

    • मत्रणा

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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  अभिमन्यु का विवाह किसके साथ किया गया?

      उत्तर- अभिमन्यु का विवाह उत्तरा के साथ किया गया।

       

      प्रश्न-2  दुर्योधन और अर्जुन किस कारण श्रीकृष्ण के पास गए थे? 

      उत्तर - दुर्योधन और अर्जुन दोनों ही श्रीकृष्ण के पास उनसे प्रार्थना करने गए थे कि वो उनकी युद्ध में सहायता करें।

       

      प्रश्न-3 तेरहवाँ बरस पूरा होने पर पांडव कहाँ जाकर रहने लगे?

      उत्तर – तेरहवाँ बरस पूरा होने पर पांडव विराट की राजधानी छोड़कर विराटराज के ही राज्य में स्थित 'उपप्लव्य' नामक नगर में जाकर रहने लगे।

       

      प्रश्न-4 श्रीकृष्ण किन लोगों को लेकर उपप्लव्य जा पहुँचे?

      उत्तर – भाई बलराम, अर्जुन की पत्नी सुभद्रा तथा पुत्र अभिमन्यु और यदुवंश के कई वीरों को लेकर श्रीकृष्ण उपप्लव्य जा पहुँचे।

       

      प्रश्न-5  श्रीकृष्ण की नींद खुली तो उन्होंने पहले सामने किसे देखा और क्यों?

      उत्तर- श्रीकृष्ण की नींद खुली तो उन्होंने पहले सामने अर्जुन को  देखा क्योंकि दुर्योधन श्रीकृष्ण के सिरहाने एक ऊचे आसन पर बैठा था और अर्जुन श्रीकृष्ण के पैताने ही हाथ जोड़े खड़े थे



      प्रश्न-6  यदुकुल का वीर और पांडवों का हितैषी सात्यकि आगबबूला क्यों हो उठा?   

      उत्तरबलराम के कहने का सार यह था कि युधिष्ठिर ने जान-बूझकर अपनी इच्छा से जुआ खेलकर राज्य गंवाया था। उनकी इन बातों से यदुकुल का वीर और पांडवों का हितैषी सात्यकि आगबबूला हो उठा।

       

      प्रश्न-7  कौन - कौन से राजा अपनी सेनाओं को साथ लेकर पांडवों की सहायता के लिए आए थे? 

      उत्तर -  इंद्रसेन, काशिराज, वीर शैव्य अपनी दो अक्षौहिणी सेना के साथ, पांचालराज द्रुपद तीन अक्षौहिणी सेना के साथ आए। शिखंडी, द्रौपदी का भाई धृष्टद्युम्न और द्रौपदी के पुत्र और भी कितने ही राजा अपनी-अपनी सेनाओं को साथ लेकर पांडवों की सहायता के लिए आए।

       

      प्रश्न-8  श्रीकृष्ण की बातों को सुनने के बाद बलराम सभा में क्या बोले?

      उत्तर- बलराम उठे और बोले-"कृष्ण ने जो सलाह दी है, वह मुझे न्यायोचित लगती है। आप लोग जानते ही हैं कि कुंती के पुत्रों को आधा राज्य मिला था। वे उसे जुए में हार गए। अब वे उसे फिर से प्राप्त करना चाहते हैं। यदि शांतिपूर्ण ढंग से, बिना युद्ध किए ही वे अपना राज्य प्राप्त कर सकें, तो उससे केवल पांडवों बल्कि दुर्योधन तथा सारी प्रजा की भलाई ही होगी।



      प्रश्न-9 सभा में उपस्थित लोगों से श्रीकृष्ण ने क्या कहा?

      उत्तर – श्रीकृष्ण ने कहा "सम्माननीय बंधुओ और मित्रो! आज हम सब यहाँ इसलिए इकट्टे हुए हैं कि कुछ ऐसे उपाय सोचें, जो युधिष्ठिर और राजा दुर्योधन के लिए लाभप्रद हों, न्यायोचित हों और जिनसे पांडवों तथा कौरवों का सुयश बढ़े। जो राज्य युधिष्ठिर से छीना गया है वह उनको वापस मिल जाए, तो पांडव शांत हो जाएँगे और दोनों में संधि हो सकती है। मेरी राय में इस बारे में दुर्योधन के साथ उचित रीति से बातचीत करके उसे समझाने के लिए एक ऐसे व्यक्ति को दूत बनाकर भेजना होगा, जो सर्वथा योग्य हो।”