कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 जलाशय में छिपे दुर्योधन को युधिष्ठिर ने कैसे चुनौती दी?
उत्तर – युधिष्ठिर ने कहा-“दुर्योधन! अपने कुटुंब और वंश का नाश कराने के बाद अब पानी में छिपकर प्राण बचाना चाहते हो?"
प्रश्न-2 अधमरी अवस्था में दुर्योधन ने कृष्ण पर क्या आरोप लगाया?
उत्तर – जाँघ टूट जाने के कारण अधमरी अवस्था में पड़े हुए दुर्योधन के दिल में फिर से क्रोध और द्वेष की आग-सी भड़क उठी। वह चिल्लाकर बोला-"कृष्ण! धर्म युद्ध करनेवाले हमारे पक्ष के सारे यशस्वी महारथियों को तुमने ही कुचक्र रचकर मरवा डाला है। यदि तुमने कुचक्र न रचा होता, तो कर्ण, भीष्म, द्रोण भला समर में परास्त होनेवाले थे?”
प्रश्न-3 मरणासन्न अवस्था में दुर्योधन को विलाप करता देख श्रीकृष्ण क्या बोले?
उत्तर – मरणासन्न अवस्था में दुर्योधन को विलाप करता देख श्रीकृष्ण बोले-“दुर्योधन! तुम अपने ही किए हुए कर्मो का फल पा रहे हो। तुम यह क्यों नहीं समझते और उसका पश्चाताप करते? अपने अपराध के लिए दूसरों को दोष देना बेकार है। तुम्हारे नाश का कारण मैं नहीं हूँ। लालच में पड़कर तुमने जो महापाप किया था, उसी का यह फल तुम्हें भुगतना पड़ रहा है।”
प्रश्न-4 दुर्योधन ने युधिष्ठिर के चुनौती का क्या उत्तर दिया?
उत्तर- दुर्योधन ने व्यथित होकर कहा "मैं न तो डरा हुआ ही हूँ और न मुझे प्राणों का ही मोह है। फिर भी, सच पूछो तो युद्ध से मेरा जी हट गया है। मेरे सभी संगी-साथी और बंधु-बांधव मारे जा चुके हैं। अब मैं बिलकुल अकेला हूँ। राज्य-सुख का मुझे लोभ नहीं रहा। यह सारा राज्य अब तुम्हारा ही है। निश्चित होकर तुम्हीं इसका उपभोग करो।"
प्रश्न-5 दुर्योधन किसने और कैसे किया?
उत्तर - दुर्योधन जलाशय से बाहर निकल आया और उसने भीम से गदा युद्ध करने की इच्छा प्रकट की। भीम भी राज़ी हो गया और दोनों में गदा युद्ध शुरू हो गया। इस तरह बड़ी देर तक युद्ध जारी रहा। श्रीकृष्ण ने इशारों में ही अर्जुन को बताया कि भीम दुर्योधन की जाँघ पर गदा मारेगा, तो जीत जाएगा। भीम ने श्रीकृष्ण का यह इशारा तुरंत भाँप लिया और अचानक दुर्योधन पर झपट पड़ा। उसकी जाँघ पर जोर से गदा का प्रहार किया।