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      कर्ण और दुर्योधन भी मारे गए

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      Image from NCERT book



      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  मद्रराज शल्य का वध किसने किया?

      उत्तर मद्रराज शल्य का वध युधिष्ठिर ने किया।

       

      प्रश्न-2  शकुनि का वध किसने किया?

      उत्तर शकुनि का वध सहदेव ने किया।

       

      प्रश्न-3  कर्ण के बाद कौरव - सेना का सेनापति किसे नियुक्त किया गया?

      उत्तर कर्ण के बाद कौरव - सेना का सेनापति मद्रराज शल्य को नियुक्त किया गया।

       

      प्रश्न-4 द्रोण के मारे जाने पर कौरव-पक्ष के राजाओं ने किसको सेनापति मनोनीत किया?

      उत्तर – द्रोण के मारे जाने पर कौरव-पक्ष के राजाओं ने कर्ण को सेनापति मनोनीत किया।

       

      प्रश्न-5  कृपाचार्य ने दुर्योधन को सांत्वना देते हुए क्या कहा?

      उत्तर कृपाचार्य ने दुर्योधन को सांत्वना देते हुए कहा-“राजन्! अब तुम्हारा कर्तव्य यही है कि पांडवों से किसी प्रकार संधि कर लो। अब युद्ध बंद करना ही श्रेयस्कर होगा।”

       

      प्रश्न-6  दुःशासन की मृत्यु कैसे हुई?

      उत्तर- अर्जुन की रक्षा करता हुआ भीम, अपने रथ पर उसके पीछे-पीछे चला और दोनों एक साथ कर्ण पर टूट पड़े। जब दुःशासन ने यह देखा, तो उसने भीम पर बाणों की वर्षा कर दी। उसको भीम ने एक ही धक्के में जमीन पर गिरा दिया और उसका एक-एक अंग तोड़-मरोड़ डाला।



      प्रश्न-7  जब कर्ण के रथ का पहिया धरती में धँस गया तब उसने अर्जुन से क्या कहा?

      उत्तर अचानक कर्ण के रथ का बाईं तरफ़ का पहिया धरती में धँस गया। इससे कर्ण घबरा गया और बोला-"अर्जुन! ज़रा ठहरो। मेरे रथ का पहिया कीचड़ में फँस गया है। पांडु-पुत्र, तुम्हें धर्म-युद्ध करने का जो यश प्राप्त हुआ है, उसे व्यर्थ ही गँवाओ। मैं ज़मीन पर खड़ा रहूँ और तुम रथ पर बैठे-बैठे मुझ पर बाण चलाओ, यह ठीक नहीं होगा। जरा रुको।"

       

      प्रश्न-8  जब कर्ण ने अर्जुन से धर्म युद्ध की बात कही तब कृष्ण ने कर्ण से क्या कहा?

      उत्तर श्रीकृष्ण बोले-“कर्ण! जब दुःशासन, दुर्योधन और तुम द्रौपदी को भरी सभा में घसीटकर लाए थे, उस वक्त तुम्हें धर्म की याद आई थी? जब दूधमुंहे बच्चे अभिमन्यु को तुम सात लोगों ने एक साथ घेरकर निर्लज्जता के साथ मार डाला था, तब तुम्हारा धर्म कहाँ था? और आज जब मुसीबत सामने खड़ी दिखाई दे रही है, तो तुमको धर्म याद रहा है!"

       

      प्रश्न-9  कर्ण ने अर्जुन पर कैसा बाण चलाया और कृष्ण ने अर्जुन की प्राणों  की रक्षा किस प्रकार की?    

      उत्तर - कर्ण ने अर्जुन पर एक ऐसा बाण चलाया जो आग उगलता गया। अर्जुन की ओर उस भयानक तीर को आता हुआ देखकर कृष्ण ने रथ को पाँव के अँगूठे से दबा दिया, जिससे रथ जमीन में पाँच अँगुल धंस गया। कृष्ण की इस युक्ति से अर्जुन मरते-मरते बचा। कर्ण का चलाया हुआ सर्पमुखास्त्र फुँफकारता हुआ आया और अर्जुन का मुकुट उड़ा ले गया।

       

      प्रश्न-10  कर्ण की मृत्यु कैसे हुई?

      उत्तर कर्ण का एक बाण अर्जुन को जा लगा, तो वह थोड़ी देर के लिए विचलित हो उठा। बस, यही जरा सा समय पाकर कर्ण रथ से उतर पड़ा और रथ का पहिया उठाकर उसे समतल पर लाने की कोशिश करने लगा। कर्ण के हज़ार प्रयत्न करने पर भी पहिया गड्ढे से निकलता न था। यह स्थिति देख श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा-"अर्जुन, अब देरी न करो, हिचकिचाओ मत। इसी समय इसे खत्म कर दो।" श्रीकृष्ण की यह बात मानकर अर्जुन ने एक बाण तानकर ऐसा मारा कि कर्ण का सिर कटकर जमीन पर गिर पड़ा।