Topic outline

    • प्रतिज्ञा पूर्ति   

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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  शंख की ध्वनि को सुनकर द्रोण ने क्या शंका व्यक्त की?

      उत्तर-  द्रोण ने कहा-“मालूम होता है, यह तो अर्जुन ही आया है।"

       

      प्रश्न-2  दुर्योधन ने पितामह भीष्म को संधि के संबंध में क्या कहा?

      उत्तर- दुर्योधन ने कहा-"पूज्य पितामह! मैं संधि नहीं चाहता हूँ। राज्य तो दूर रहा, मैं तो एक गाँव तक पांडवों को देने के लिए तैयार नहीं हूँ "

       

      प्रश्न-3  किसने किससे कहा?

      “कर्ण! मूर्खता की बातें न करो। हम सबको एक साथ मिलकर अर्जुन का मुकाबला करना होगा।”

      कृपाचार्य ने कर्ण से कहा ।

       

      प्रश्न-4 कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म ने क्या कहा?

      उत्तर – कौरव-सेना को आपस में ही वाद-विवाद तथा झगड़ा करते देख भीष्म बोले "यह आपस में बैर-विरोध या झगड़े का समय नहीं है। अभी तो सबको एक साथ मिलकर शत्रु का मुकाबला करना है।"

       

      प्रश्न-5 रण भूमि में अर्जुन ने आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की कैसे वंदना की?

      उत्तर – अर्जुन ने गांडीव पर चढ़ाकर दो-दो बाण आचार्य द्रोण और पितामह भीष्म की ओर इस तरह से छोड़े जो उनके चरणों में जाकर गिरे। इस प्रकार अर्जुन ने अपने बड़ों की वंदना की।



      प्रश्न-6  युद्ध के पश्चात अर्जुन ने राजकुमार उत्तर से क्या कहा?

      उत्तर-  युद्ध के पश्चात अर्जुन ने राजकुमार उत्तर से कहा "उत्तर! अपना रथ नगर की ओर ले चलो। तुम्हारी गायें छुड़ा ली गई हैं। शत्रु भी भाग खड़े हुए हैं। इस विजय का यश तुम्हीं को मिलना चाहिए। इसलिए चंदन लगाकर और फूलों का हार पहनकर नगर में प्रवेश करना।"

       

      प्रश्न-7  युद्ध भूमि में अर्जुन को औरत के भेष में देख कर कर्ण क्या बोला?  उत्तर-  कर्ण बोला-"पांडव जुए के खेल में जब हार गए थे, तो शर्त के अनुसार उन्हें बारह बरस का वनवास और एक बरस अज्ञातवास में बिताना था। अभी तेरहवाँ बरस पूरा नहीं हुआ है और अर्जुन हमारे सामने प्रकट हो | गया है, तो डर किस बात का है? शर्त के अनुसार पांडवों को फिर से बारह बरस वनवास और एक बरस अज्ञातवास में बिताना होगा।"  

       

      प्रश्न-8  अर्जुन के प्रकट हो जाने पर भीष्म ने दुर्योधन से क्या कहा? 

      उत्तर -  भीष्म दुर्योधन से फिर बोले-"बेटा दुर्योधन, अर्जुन प्रकट हो गया, वह ठीक है। पर प्रतिज्ञा का समय कल ही पूरा हो चुका है। प्रत्येक वर्ष में एक जैसे महीने नहीं होते। जैसे ही अर्जुन ने गांडीव धनुष की टंकार की थी, मैं समझ गया था कि प्रतिज्ञा की अवधि पूरी हो गई है। दुर्योधन! युद्ध शुरू करने से पहले इस बात का निश्चय कर लेना होगा कि पांडवों के साथ संधि कर लें या नहीं। यदि संधि करने की इच्छा है, तो उसके लिए अभी समय है।



      प्रश्न-9  अर्जुन ने रणभूमि में पांचों महारथी को किस प्रकार परास्त किया?

      उत्तर- अर्जुन को दुर्योधन का पीछा करते देखकर भीष्म आदि सेना लेकर अर्जुन का पीछा करने लगे। अर्जुन ने उस समय अद्भुत रण-कौशल का परिचय दिया। पहले तो उसने कर्ण पर हमला करके उसे बुरी तरह से घायल करके मैदान से भगा दिया। इसके बाद द्रोणाचार्य की बुरी गत होते देखकर अश्वत्थामा आगे बढ़ा और अर्जुन पर बाण बरसाने लगा। मौका पाकर आचार्य जल्दी से खिसक गए। उनके चले जाने के बाद अर्जुन अब अश्वत्थामा पर टूट पड़ा। दोनों में भयानक युद्ध होता रहा। अंत में अश्वत्थामा को हार माननी पड़ी। उसके बाद कृपाचार्य की बारी आई और  वह भी हार गए। इस प्रकार अर्जुन ने रणभूमि में पांचों  महारथी को परास्त कर दिया।