Topic outline

    • भूरिश्रवा, जयद्रथ और आचार्य द्रोण का अंत

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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  द्रोणाचार्य को किसने मारा?

      उत्तर द्रोणाचार्य को धृष्टद्युम्न ने मारा।

       

      प्रश्न-2  जयद्रथ के वध के संबंध में श्रीकृष्ण ने अर्जुन से क्या कहा?    

      उत्तर - श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा-“अर्जुन! जयद्रथ सूर्य की तरफ़ देखने में लगा है और मन में समझ रहा है कि सूर्य डूब गया। परंतु अभी तो सूर्य डूबा नहीं है। अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने का तुम्हारे लिए यही अवसर है।”

       

      प्रश्न-3 श्रीकृष्ण अर्जुन से आचार्य द्रोण के संबंध में क्या बोले?

      उत्तर – श्रीकृष्ण अर्जुन से बोले- "अर्जुन! कुछ कुचक्र रचकर ही इनको परास्त करना होगा। आज अगर परास्त न हुए तो ये हमारा सर्वनाश कर देंगे। इसलिए किसी को आचार्य के पास जाकर यह खबर पहुँचानी चाहिए कि अश्वत्थामा मारा गया।”

       

      प्रश्न-4  कर्ण ने किस परिस्थिति में इंद्र की दी हुई शक्ति का प्रयोग किया और उसका क्या परिणाम हुआ?

      उत्तर घटोत्कच ने कर्ण को इतनी पीड़ा पहुँचाई थी कि वह आपे में रहा और इंद्र की दी हुई शक्ति का, जिसे उसने अर्जुन का वध करने के उद्देश्य से यत्नपूर्वक सुरक्षित रखा था, घटोत्कच पर प्रयोग कर दिया। इससे अर्जुन का संकट तो टल गया, परंतु भीमसेन का प्रिय एवं वीर पुत्र घटोत्कच मारा गया।

       

      प्रश्न-5  जयद्रथ का सिर कहाँ जा कर गिरा और उसके पश्चात क्या हुआ?

      उत्तर- जयद्रथ के पिता राजा वृद्धक्षत्र अपने आश्रम में बैठे संध्या वंदना कर रहे थे तभी जयद्रथ का सिर ध्यानमग्न राजा की गोद में जा गिरा। ध्यान समाप्त होने पर जब वृद्धक्षत्र की आँखें खुली और वह उठे, तो जयद्रथ का सिर उनकी गोद से जमीन पर गिर पड़ा और उसी क्षण बुढे वृद्धक्षत्र के सिर के भी सौ टुकड़े हो गए।



      प्रश्न-6 आचार्य द्रोण की मृत्यु कैसे हुई?

      उत्तर – उनका पुत्र अश्वत्थामा मारा गया। यह सुनकर वह विचलित हो गए। उन्होंने युधिष्ठिर से पूछा। युधिष्ठिर के मुँह से यह सुनते ही चारों ओर हाहाकार मच गया और इसी हाहाकार के बीच धृष्टद्युम्न ने ध्यानमग्न आचार्य की गरदन पर खड्ग से जोर का वार किया। आचार्य द्रोण का सिर तत्काल ही धड़ से अलग होकर गिर पड़ा और द्रोण की मृत्यु हो गई ।

       

      प्रश्न-7  आचार्य द्रोण का वध करने के लिए पांडवों ने क्या कुचक्र रचा?

      उत्तर श्रीकृष्ण अर्जुन से बोले- "अर्जुन! कुछ कुचक्र रचकर ही इनको परास्त करना होगा। आज अगर परास्त हुए तो ये हमारा सर्वनाश कर देंगे। इसलिए किसी को आचार्य के पास जाकर यह खबर पहुँचानी चाहिए कि अश्वत्थामा मारा गया।इस व्यवस्था के अनुसार भीम ने गदा-प्रहार से अश्वत्थामा नाम के एक भारी लड़ाके हाथी को मार डाला। फिर द्रोण की सेना के पास जाकर ज़ोर से चिल्लाने लगा–“मैंने अश्वत्थामा को मार डाला है।