पांडवो और कौरवों के सेनापति
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 कर्ण की मृत्यु कब हुई?
उत्तर – सत्रहवें दिन की लड़ाई में कर्ण की मृत्यु हो गई।
प्रश्न-2 द्रोणाचार्य के बाद किसे सेनापति बनाया गया?
उत्तर- द्रोणाचार्य के बाद कर्ण को सेनापति बनाया गया।
प्रश्न-3 महाभारत का युद्ध कुल कितने दिन तक चला?
उत्तर- महाभारत का युद्ध कुल अट्ठारह दिन तक चला।
प्रश्न-4 भीष्म के नेतृत्व में कौरव-वीरों ने कितने दिन तक युद्ध किया?
उत्तर - भीष्म के नेतृत्व में कौरव-वीरों ने दस दिन तक युद्ध किया।
प्रश्न-5 कर्ण की मृत्यु के बाद किसने सेनापति बनकर सेना का संचालन किया?
उत्तर- कर्ण की मृत्यु के बाद शल्य ने कौरवों का सेनापति बनकर सेना का संचालन किया।
प्रश्न-6 अर्जुन के भ्रम को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में क्या किया?
उत्तर– अर्जुन के भ्रम को दूर करने के लिए श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में कर्मयोग का उपदेश दिया।
प्रश्न-7 भीष्म कब आहत हुए और उनके बाद सेनापति किसे नियुक्त किया गया?
उत्तर- दस दिन के युद्ध के बाद भीष्म आहत हुए और उनके बाद द्रोणाचार्य को सेनापति नियुक्त किया गया।
प्रश्न-8 युधिष्ठिर युद्ध शुरू होने के पहले क्यों अपने रथ से उतरे?
उत्तर – युधिष्ठिर युद्ध शुरू होने के पहले अपने रथ से बड़ो की आज्ञा लेने के लिए उतरे क्योंकि बिना बड़ों की आज्ञा लिए युद्ध करना अनुचित माना जाता है।
प्रश्न-9 भीम ने युधिष्ठिर के सामने अपनी क्या विवशता व्यक्त की?
उत्तर – भीष्म बोले-"बेटा युधिष्ठिर, मुझे तुमसे यही आशा थी। मैं स्वतंत्र नहीं हूँ। विवश होकर मुझे तुम्हारे विपक्ष में रहना पड़ रहा है। फिर भी मेरी यही कामना है कि रण में विजय तुम्हारी हो।"
प्रश्न-10 युद्धक्षेत्र में क्या देख कर दोनों ही पक्षवाले अचंभे में पड़ गए?
उत्तर – एकाएक पांडव-सेना के बीच में हलचल मच गई। युधिष्ठिर ने अचानक अपना कवच और धनुष-बाण उतारकर रथ पर रख दिया और रथ से उतरकर हाथ जोड़े कौरव-सेना की हथियारबंद पॉक्तियों को चीरते हुए भीष्म की ओर पैदल जा रहे थे। बिना सूचना दिए उनको इस प्रकार जाते देखकर दोनों ही पक्षवाले अचंभे में पड़ गए।