मिठाईवाला
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 'मिठाईवाला' पाठ के लेखक का क्या नाम है?
उत्तर - 'मिठाईवाला' पाठ के लेखक का नाम भगवतीप्रसाद है।
प्रश्न-2 खिलौने देख कर बच्चों को कैसा लगता है?
उत्तर - बच्चे खिलौने देखकर पुलकित हो उठते।
प्रश्न-3 मुन्नू ने खिलौना कितने पैसे में ख़रीदा?
उत्तर - मुन्नू ने खिलौना दो पैसे में ख़रीदा।
प्रश्न-4 खिलौनेवाला मुरली बेचने नगर में कब आया?
उत्तर - खिलौनेवाला मुरली बेचने नगर में छह महीने बाद आया।
प्रश्न-5 मुरलीवाला कैसा साफ़ा बाँधता था?
उत्तर - मुरलीवाला बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता था।
प्रश्न-6 चुन्नू और मुन्नू ने कौन सा खिलौना ख़रीदा?
उत्तर - चुन्नू और मुन्नू ने हाथी और घोडा ख़रीदा।
प्रश्न-7 रोहिणी को खिलौनेवाले का स्मरण कब हो आया?
उत्तर - मुरलीवाले के स्वर को सुन कर रोहिणी को खिलौनेवाले का स्मरण हो आया।
प्रश्न-8 पाठ में लेखक ने खिलौनेवाले के मधुर गान की तुलना किससे की है?
उत्तर - पाठ में लेखक ने खिलौनेवाले के मधुर गान की तुलना सागर की हिलोर से की है।
प्रश्न-9 मुरलीवाले के बारे में लोगों ने क्या अनुमान लगाया?
उत्तर - मुरलीवाले के बारे में लोगों ने अनुमान लगाया कि "यह वही तो नहीं; जो पहले खिलौने बेचा करता था?"
प्रश्न-10 मुरलीवाला कैसा दीखता था?
उत्तर - मुरलीवाला तीस-बत्तीस का दुबला-पतला गोरा युवक था और वह बीकानेरी रंगीन साफ़ा बाँधता था।
प्रश्न-11 मुरलीवाले का व्यवहार बच्चों के साथ कैसा था?
उत्तर - मुरलीवाले का व्यवहार बच्चों के साथ बहुत स्नेहवाला था। बच्चे जो रंग पसंद करते, मुरलीवाला उसी रंग की मुरली निकाल कर दे देता था।
प्रश्न-12 बहुत ही मीठे स्वरों के साथ खिलौनेवाला गलियों में घूमता हुआ क्या कहता था?
उत्तर - बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घूमता हुआ कहता "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला।"
प्रश्न-13 रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण क्यों हो आया?
उत्तर - रोहिणी को मुरलीवाले के स्वर से खिलौनेवाले का स्मरण हो आया क्योंकि खिलौनेवाला भी इसी तरह गा-गाकर खिलौने बेचा करता था।
प्रश्न-14 रोहिणी फेरीवाले के बारे में क्यों जानना चाहती थी?
उत्तर - फेरीवाला बच्चों के साथ बहुत प्यार से बातें करता था और सौदा भी सस्ता बेचता था। रोहिणी जानना चाहती थी कि वह कौन है और उसे ऐसा करने से क्या मिलता है।
प्रश्न-15 ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर - ‘अब इस बार ये पैसे न लूँगा’-कहानी के अंत में मिठाईवाले ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि चुन्नू और मुन्नू को देखकर उसे अपने बच्चों का स्मरण हो आया था।
प्रश्न-16 मिठाईवाले की मिठाइयाँ कैसी थी?
उत्तर - मिठाईवाले की मिठाइयाँ -रंग-बिरंगी, कुछ-कुछ खट्टी, कुछ-कुछ मीठी, जायकेदार, बड़ी देर तक मुँह में टिकने वाली, जल्दी न घुलने वाली, चपटी, गोल, पहलदार गोलियाँ थीं। बच्चे इसे बड़े चाव से चूसते थे। इन गुणों के सिवा ये खाँसी भी दूर करती थी।
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