कंचा
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-18 ‘मास्टर जी की आवाज’ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।’ ‘मास्टर जी की आवाज़’ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।
उत्तर – मास्टर जी सभी बच्चों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए ऊँची आवाज़ में बोल रहे थे। जब सभी बच्चे ध्यानपूर्वक पाठ के विषय में सुनने लगे तो वह धीमी आवाज़ में समझाने लगे।
प्रश्न-19 मास्टर जी जब बॉयलर के बारे में बताते हैं तब पर अप्पू क्या सोचने लगता है?
उत्तर – मास्टर जी जब बॉयलर के बारे में बताते हैं तब पर अप्पू काल्पनिक दुनिया में चला जाता है। उसे बॉयलर लोहे का एक बड़ा काँच का जार लगता है जिसमें हरी लकीरवाले सफ़ेद गोल कंचे हैं जो आँवले जैसे बड़े हैं। वह सोचता है कि जब जॉर्ज अच्छा हो जाएगा तब वह उसे इसके बारे में बताएगा। जॉर्ज यह जानकार बहुत खुश होगा और सिर्फ़ वही दोनों साथ में खेलेंगें।
प्रश्न-20 कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है?
उत्तर - कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब उसे जार और कंचों के अलावा कुछ और दिखाई नहीं देता। कंचों से भरा जार उसे बढ़ता प्रतीत होता है। वह जार आसमान-सा बड़ा हो जाता है और वह भी उसके भीतर चला जाता है। वहाँ उसे कोई लड़का दिखाई नहीं देता। फिर भी वह बहुत खुश होता है और वहाँ कंचे बिखेर के अकेले ही खेलने लगता है। जब मास्टर जी ट्रेन के विषय में पढ़ा रहे थे तब भी वह कंचों के बारे में ही सोच रहा था। उसे मास्टर द्वारा बताया गया बॉयलर भी कंचे का जार नज़र आता है। उसने कंचे के चक्कर में मास्टर जी से डाँट भी खाई फिर भी उसके दिमाग में केवल कंचे के बारे में ही चल रहा था।
प्रश्न-21 दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।
उत्तर – दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू एक नादान बच्चा है जो अपनी दुनिया में मस्त है। वे दोनों ही उसकी भावनाओं को जल्दी ही समझ जाते हैं। दुकानदार पहले अप्पू से परेशान हो जाता है क्योंकि अप्पू कंचो की तरफ़ आकर्षित होकर कल्पना में विलीन हो जाता है। यह देखकर दुकानदार को चिंता होती है कि कहीं वह जार गिरा कर तोड़ न डाले। पर जब दुबारा अप्पू दूकान पर जाता है तो दूकानदार हँस पड़ता है। वह समझ जाता है कि अप्पू कंचे खरीदने आया है। वहीं दूसरी तरफ अप्पू को सड़क के बीचों-बीच से कंचो को उठाते देखकर ड्राइवर को बड़ी असुविधा होती है। वह अप्पू की मनोदशा को देखकर पहले तो परेशान हो जाता है, परन्तु उसका कंचों के प्रति प्रेम देखकर वह हँस पड़ता है।