दादी माँ
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 दादी माँ पाठ की विधा और लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर- दादी माँ पाठ की विधा - कहानी है और लेखक शिवप्रसाद सिंह हैं।
प्रश्न-2 गाँव के लड़के झागभरे जलाशयों में किस महीने में खेलतें हैं?
उत्तर- गाँव के लड़के झागभरे जलाशयों में क्वार के महीने में खेलतें हैं।
प्रश्न-3 दादी माँ ज्वर का अनुमान कैसे लगाती थीं?
उत्तर - दादी माँ छू-छूकर ज्वर का अनुमान लगाती थीं।
प्रश्न-4 दादी माँ कौन से जल से नहाकर आई थीं?
उत्तर - दादी माँ जलाशय के झागभरे जल से नहाकर आई थीं।
प्रश्न-5 दादी माँ बीमार लेखक के लिए क्या ले कर आई थीं?
उत्तर - दादी माँ बीमार लेखक के लिए अदृश्य शक्तिधारी के चबूतरे की मिट्टी लाई थीं।
प्रश्न-6 बरबस लेखक की आँखों के सामने किसी की धुँधली छाया नाच उठती है?
उत्तर - बरबस लेखक की आँखों के सामने दादी माँ की धुँधली छाया नाच उठती है।
प्रश्न-7 'लड़के बरह्मा का रूप होते हैं।' दादी माँ के इस कथन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर - लड़के बरह्मा का रूप होते हैं। इस कथन का तात्पर्य है कि वह अबोध होते हैं और उनका मन साफ़ होता है।
प्रश्न-8 लेखक के मित्र उसका मज़ाक क्यों उड़ाते थे?
उत्तर - लेखक के मित्र उसका मज़ाक इसलिए उड़ाते थे क्योंकि ज़रा-सी कठिनाई पड़ते ही लेखक को गाँव, घर और परिवार की याद आने लगती थी।
प्रश्न-9 लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा क्यों नहीं ले पाया?
उत्तर - लेखक झागभरे जलाशयों में खेलने का अधिक मज़ा बीमार हो जाने के कारण नहीं ले पाया।
प्रश्न-10 लेखक के मित्र लेखक को क्या कह कर उसका मज़ाक उड़ाते थे?
उत्तर - लेखक के मित्र लेखक को कमज़ोर और ज़रा-सी प्रतिकूलता से घबरानेवाला कहकर उसका मज़ाक उड़ाते थे।
प्रश्न-11 लेखक को हलकी बीमारी क्यों अच्छी लगती थी?
उत्तर - लेखक को हलकी बीमारी इसलिए अच्छी लगती थी क्योंकि खाने के लिए दिनभर नींबू और साबू मिलता था।
प्रश्न-12 दादी माँ का व्यवहार कैसा था?
उत्तर - दादी माँ बाहर से कठोर और अंदर से कोमल स्वभाव की थीं। वे स्नेह, ममता, और त्याग की मूर्ति थीं। वह हमेशा दूसरों की मदद करती थीं।
प्रश्न-13 दादी माँ किस पर और क्यों बिगड़ रही थीं?
उत्तर - दादी माँ रामी की चाची पर बिगड़ रही थीं क्योंकि रामी की चाची ने जो कर्ज दादी माँ से लिए था उसका न तो वह सूद दे पा रही थी ना ही मूल।
प्रश्न-14 दादी माँ को बिमारियों के उपचार के संबंध में क्या जानकारी थी?
उत्तर - दादी माँ को गाँव की पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। भूत से लेकर मलेरिया, सरसाम, निमोनिया तक का अनुमान वह विश्वास के साथ सुनाती थी। महामारी और विशूचिका के दिनों में वह साफ़ सफाई का खास ध्यान रखती थी।
प्रश्न-15 दादी माँ के लिए दादा जी द्वारा दिए कंगन का क्या महत्व था?
उत्तर - दादी माँ को वह कंगन दादा जी ने पहनाए थे और उनकी भावनाएँ उस कंगन से जुडी हुई थी। वह कंगन उनके वंश की निशानी थी इसलिए वह उसे सहेजकर रखती आई थीं।