शाम - एक किसान
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-14 हिंदी के एक प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत ने संध्या का वर्णन इस प्रकार किया है-
संध्या का झुटपुट-
बाँसों का झुरमुट-
है चहक रहीं चिड़ियाँ
टी-वी-टी–टुट्-टुट्
ऊपर दी गई कविता और सर्वेश्वरदयाल जी की कविता में आपको क्या मुख्य अंतर लगा? लिखिए।
उत्तर - ‘सर्वेश्वरदयाल सक्सेना’ जी द्वारा रचित कविता में संध्या समय को किसान के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है तथा ‘सुमित्रानंदन पंत’ जी ने अपनी कविता में संध्याकालीन दृश्य को पक्षियों के माध्यम से प्रस्तुत किया है।
प्रश्न-15 शाम के समय ये क्या करते हैं? पता लगाइए और लिखिए-
पक्षी |
खिलाड़ी |
फलवाले |
माँ |
पेड़-पौधे |
पिता जी |
किसान |
बच्चे |
उत्तर - (i) पक्षी– अपने घोंसले में लौटने लगते हैं।
(ii) खिलाड़ी– अपना खेल बंद कर देते हैं।
(iii) फलवाले – बचे हुए फल बेचते हैं।
(iv) माँ– भोजन की तैयारी करने लगती है।
(v) पेड़–पौधे – अपनी जगह पर खड़े रहते हैं।
(vi) पिताजी – दफ्तर से घर आते हैं।
(vii) किसान – खेतों से लौटने लगते हैं।
(viii) बच्चे – खेलते हैं।
प्रश्न-16 कविता में चित्रित दृश्य का वर्णन कीजिए।
उत्तर - कवि ने किसान के रूप में जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण किया है। इस प्राकृतिक दृश्य में पहाड़-बैठे हुए एक किसान की तरह दिखाई दे रहा है, आकाश-उसके सिर पर बँधे साफ़े के समान, पहाड़ के नीचे बहती हुई नदी-घुटनों पर रखी चादर-सी, पलाश के पेड़ों पर खिले लाल-लाल फूल-जलती अँगीठी के समान, पूर्व क्षितिज पर घना होता अँधकार-झुंड में बैठी भेड़ों जैसा और पश्चिम दिशा में डूबता सूरज-चिलम पर सुलगती आग की भाँति दिख रहा है। यह पूरा दृश्य शांत है। अचानक मोर बोल उठता है। मानो किसी ने आवाज़ लगाई–'सुनते हो'। इसके बाद यह दृश्य घटना में बदल जाता है-चिलम उलट जाती है, आग बुझ जाती है, धुआँ उठने लगता है, सूरज डूब जाता है, शाम ढल जाती है और रात का अँधेरा छा जाता है।