वचन
संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण तथा क्रिया के जिस रूप से संख्या का बोध होता है, वह वचन कहलाते हैं । जैसे- तालाब में बहुत सारी मछलियाँ हैं।
वचन के दो भेद होते हैं:-
एकवचन - शब्द के जिस रूप से उसके एक होने का बोध हो, वह एकवचन कहलाते हैं । जैसे- स्त्री, घोड़ा, नदी, रुपया आदि।
बहुवचन - शब्द के जिस रूप से उसके एक से अधिक होने का बोध हो, वह बहुवचन कहलाते हैं । जैसे- स्त्रियाँ, घोड़े, नदियाँ, रूपये आदि।
वचन परिवर्तन करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए :
1. कुछ शब्द सदैव बहुवचन के रूप में ही प्रयोग किये जाते हैं; जैसे - हस्ताक्षर, आँसू, दर्शन, प्राण, दाम, अक्षत, लोग आदि ।
2. कुछ शब्द सदैव एकवचन के रूप में ही प्रयोग होते हैं; जैसे - बारिश, पानी, दूध, घी, दही, आकाश, जनता आदि ।
3. द्रव्यवाचक संज्ञा तथा भाववाचक संज्ञा का प्रयोग सदैव एकवचन में ही होता है; जैसे - राजा हरिश्चंद्र सदैव सत्य बोलते थे ।
4. आदरसूचक शब्दों में सदैव बहुवचन का प्रयोग किया जाता है; जैसे - माता जी बाज़ार गई हैं ।
5. कुछ शब्द दोनों वचनों में एक जैसे रहते है। जैसे- पिता, योद्धा, चाचा, फल, बाज़ार, काग़ज़, फूल, छात्र, दादा, राजा, मुनि आदि ।
वचन परिवर्तन –
‘अ’ के स्थान पर ‘एँ’ लगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
पुस्तक |
पुस्तकें |
बात |
बातें |
बहन |
बहनें |
आँख |
आँखें |
कलम |
कलमें |
गाय |
गायें |
बांह |
बांहें |
भैंस |
भैंसें |
रात |
रातें |
‘आ’ के साथ ‘एँ’ लगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
पत्रिका |
पत्रिकाएँ |
माला |
मालाएँ |
माता |
माताएँ |
कन्या |
कन्याएँ |
महिला |
महिलाएँ |
कथा |
कथाएँ |
अध्यापिका |
अध्यापिकाएँ |
सेना |
सेनाएँ |
लता |
लताएँ |
भुजा |
भुजाएँ |
शाखा |
शाखाएँ |
‘आ’ के स्थान पर ‘ए’ लगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
पत्ता |
पत्ते |
लड़का |
लड़के |
छाता |
छाते |
रूपया |
रूपये |
बेटा |
बेटे |
कमरा |
कमरे |
जूता |
जूते |
बस्ता |
बस्ते |
घोड़ा |
घोड़े |
पक्का |
पक्के |
बच्चा |
बच्चे |
कपड़ा |
कपड़े |
रास्ता |
रास्ते |
तारा |
तारे |
'इ'/ 'ई' के स्थान पर 'इयाँ' लगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
लड़की |
लड़कियाँ |
जाति |
जातियाँ |
चींटी |
चीटियाँ |
पत्ती |
पत्तियाँ |
मिठाई |
मिठाइयाँ |
नदी |
नदियाँ |
चाबी |
चाबियाँ |
थाली |
थालियाँ |
लकड़ी |
लकड़ियाँ |
रीति |
रीतियाँ |
सखी |
सखियाँ |
टोपी |
टोपियाँ |
तिथि |
तिथियाँ |
नारी |
नारियाँ |
सीढ़ी |
सीढ़ियाँ |
'इया' के 'या' पर चंद्रबिंदुलगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
गुड़िया |
गुड़ियाँ |
डिबिया |
डिबियाँ |
बुढ़िया |
बुढ़ियाँ |
बिंदिया |
बिंदियाँ |
चिड़िया |
चिड़ियाँ |
चुहिया |
चुहियाँ |
पुड़िया |
पुड़ियाँ |
'उ', 'ऊ ' तथा 'औ ' के साथ 'एँ' लगाकर
एकवचन |
बहुवचन |
ऋतु |
ऋतुएँ |
गौ |
गौएँ |
धातु |
धातुएँ |
वस्तु |
वस्तुएँ |
बहू |
बहुएँ |
धेनु |
धेनुएँ |
कुछ शब्दों के बहुवचन, शब्दों के अंत में नए शब्द जोड़कर बनाए जाते हैं:
एकवचन |
बहुवचन |
पक्षी |
पक्षीवृंद |
अध्यापक |
अध्यापकगण |
सज्जन |
सज्जनलोग |
मज़दूर |
मज़दूरवर्ग |
गुरु |
गुरुजन |
व्यापारी |
व्यापारीगण |
छात्र |
छात्रगण |
प्रजा |
प्रजाजन |
कवि |
कविगण |
विद्यार्थी |
विद्यार्थीगण |
अमीर |
अमीरलोग |
मित्र |
मित्रवर्ग |