Topic outline

    • यक्ष-प्रश्न

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      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-1  मत्स्य देश के अधीश कौन थे? 

      उत्तर -  मत्स्य देश के अधीश राजा विराट हैं।

       

      प्रश्न-2 पांडवों ने तेरहवाँ बरस किस नगर में बिताया?

      उत्तर – पांडवों ने तेरहवाँ बरस विराट नगर में बिताया।

       

      प्रश्न-3  यक्ष ने युधिष्ठिर को क्या वर दिया?

      उत्तर-  यक्ष ने युधिष्ठिर को वर दिया कि उसके चारों भाई जीवित हो जाएँ।

       

      प्रश्न-4  यक्ष की बात सुनकर युधिष्ठिर ने क्या किया?

      उत्तर-  यक्ष की बात सुनकर युधिष्ठिर ने उसकी  बात मान ली और बोले–“आप प्रश्न कर सकते हैं।"

       

      प्रश्न-5 यक्ष के कहने पर युधिष्ठिर ने अपने किस भाई को जीवित करने को कहा?

      उत्तर – यक्ष के कहने पर युधिष्ठिर ने अपने छोटा भाई नकुल को जीवित करने को कहा।

       

      प्रश्न-6  युधिष्ठिर के उत्तर से प्रसन्न हो कर यक्ष ने क्या कहा? 

      उत्तर-  युधिष्ठिर के उत्तर से प्रसन्न हो कर यक्ष बोला–“राजन्! मैं तुम्हारे मृत भाइयों में से एक को जीवित कर सकता हूँ। तुम जिस किसी को भी चाहो, वह जीवित हो जाएगा।



      प्रश्न-7  वनवास के दौरान पांडवों को क्या-क्या प्राप्त हुआ?

      उत्तर- वनवास के दौरान अर्जुन ने इंद्रदेव से दिव्यास्त्र प्राप्त किया, भीमसेन ने हनुमान से भेंट की और उनका आलिंगन प्राप्त करके दस गुना अधिक शक्तिशाली हो गया और युधिष्ठिर ने स्वयं धर्मदेव के दर्शन किए।

       

      प्रश्न-8  युधिष्ठिर को भाईयों के शरीरों को देख कर क्या संदेह हुआ?   

      उत्तर-  युधिष्ठिर ने जब  ध्यान से भाइयों के शरीरों को देखा तो उन्हें यह कोई मायाजाल-सा लगा क्योंकि आसपास जमीन पर किसी शत्रु के पाँव के निशान नज़र नहीं रहे थे उन्हें लगा की यह दुर्योधन का भी कोई षड्यंत्र हो सकता है संभव है पानी में विष मिला हो।

       

      प्रश्न-9  युधिष्ठिर ने यक्ष को नकुल को ही जीवित करने का क्या कारण बताया?

      उत्तर-  युधिष्ठिर ने कहा-"यक्षराज! मैंने जो नकुल को जीवित करवाना चाहा, वह सिर्फ इसी कारण कि मेरे पिता को दो पत्नियों में से माता कुंती का बचा हुआ एक पुत्र तो मैं हूँ, मैं चाहता हूँ कि माता माद्री का भी एक पुत्र जीवित हो उठे, जिससे हिसाब बराबर हो जाए। अत: आप कृपा करके नकुल को जीवित कर दें।"

       

      प्रश्न-10  यक्ष ने युधिष्ठिर को क्या आशीर्वाद दिया?

      उत्तर- यक्ष ने युधिष्ठिर के सद्गुणों से मुग्ध होकर उन्हें छाती से लगा लिया और आशीर्वाद देते हुए कहा-"बारह बरस के वनवास की अवधि पूरी होने में अब थोड़े ही दिन बाकी रह गए हैं। बारह मास तक जो तुम्हें अज्ञातवास करना है, वह भी सफलता से पूरा हो जाएगा। तुम्हें और तुम्हारे भाइयों को कोई भी नहीं पहचान सकेगा। तुम अपनी प्रतिज्ञा सफलता के साथ पूरी करोगे।"