जरासंध
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 राजसूय यज्ञ करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने किससे सलाह ली?
उत्तर- राजसूय यज्ञ करने की इच्छा से युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से सलाह ली।
प्रश्न-2 राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर कौन सा पद प्राप्त करना चाहते थे?
उत्तर- राजसूय यज्ञ करके युधिष्ठिर सम्राट - पद प्राप्त करना चाहते थे।
प्रश्न-3 राजसूय यज्ञ कौन कर सकता था?
उत्तर - राजसूय यज्ञ वही राजा कर सकता था, जो सारे संसार के नरेशों का पूज्य हो और उनके द्वारा सम्मानित हो।
प्रश्न-4 युधिष्ठिर के भाईयों तथा साथियों की क्या इच्छा हुई?
उत्तर – युधिष्ठिर के भाईयों तथा साथियों की इच्छा हुई कि अब राजसूय यज्ञ करके सम्राट-पद प्राप्त किया जाए।
प्रश्न-5 श्रीकृष्ण की बातें सुनकर युधिष्ठिर ने क्या निर्णय लिया?
उत्तर - श्रीकृष्ण की बातें सुनकर शांति-प्रिय युधिष्ठिर ने सम्राज्याधीश बनाने का विचार छोड़ देने का निर्णय लिया।
प्रश्न-6 युधिष्ठिर का निर्णय सुनकर भीमसेन ने क्या कहा?
उत्तर - युधिष्ठिर का निर्णय सुनकर भीमसेन ने कहा - " श्रीकृष्ण की निति-कुशलता, मेरा शारीरिक बल और अर्जुन का शौर्य एक साथ मिल जाने पर कौन सा ऐसा काम है, जो हम नहीं कर सकते हैं?
प्रश्न-7 श्रीकृष्ण के अनुसार राजसूय यज्ञ में क्या - क्या बाधाएँ थीं?
उत्तर - जरासंध एक पराक्रमी राजा था। उसने सब राजाओं को जीतकर उन्हें अपने अधीन कर रखा था। उसके जीते जी राजसूय यज्ञ संभव नहीं था। यह यज्ञ जरासंध द्वारा बंदी बनाये गए राजाओं को छुड़ाए बिना करना संभव नहीं था ।
प्रश्न-8 किसने किससे कहा?
i. “आपका कहना बिलकुल सही है। इस विशाल संसार में कितने ही राजाओं के लिए जगह है।”
युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से कहा।
ii. “मित्रों का कहना है कि मैं राजसूय यज्ञ करके सम्राट -पद प्राप्त करूँ।”
युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से कहा।
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