पांडवों की रक्षा (Page 21)
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 वारणावत जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को गूढ़ भाषा में क्या बताया?
उत्तर- वारणावत जाते समय विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र और उससे बचने का उपाय गूढ़ भाषा में बताया।
प्रश्न-2 युधिष्ठिर ने भीम को सावधान करते हुए क्या कहा?
उत्तर- युधिष्ठिर ने भीम को सावधान करते हुए कहा कि यद्यपि यह साफ़ मालूम हो गया है कि यह स्थान खतरनाक है, फिर भी हमें विचलित नहीं होना चाहिए। पुरोचन को इस बात का ज़रा भी पता न लगे कि उसके षड्यंत्र का भेद हम पर खुल गया है। मौका पाकर हमें यहाँ से निकल भागना होगा। पर अभी हमें जल्दी से ऐसा कोई काम नहीं करना चाहिए, जिससे शत्रु के मन में ज़रा भी संदेह पैदा होने की संभावना हो।
प्रश्न-3 कौन - कौन वारणावत गए?
उत्तर - पाँचों पांडव और माता कुंती वारणावत गए।
प्रश्न-4 किसने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र से बचने का उपाय बताया?
उत्तर - विदुर ने युधिष्ठिर को दुर्योधन के षड्यंत्र से बचने का उपाय बताया।
प्रश्न-5 वारणावत के लोगों ने पांडवों के आगमन पर क्या किया?
उत्तर - वारणावत के लोग पांडवों के आगमन की खबर पाकर बड़े खुश हुए और उनके वहाँ पहुँचने पर उन्होंने बड़े ठाठ से उनका स्वागत किया।
प्रश्न-6 जब तक लाख का भवन बनकर तैयार हुआ तब तक पांडव कहाँ रहा करते थे?
उत्तर - जब तक लाख का भवन बनकर तैयार हुआ, पांडव दूसरे घरों में रहते रहे, जहाँ पुरोचन ने पहले से ही उनके ठहरने का प्रबंध कर रखा था।
प्रश्न-7 ध्यानपूर्वक देखने पर युधिष्ठिर को भवन के बारे में क्या पता चला?
उत्तर - ध्यान से देखने पर युधिष्ठिर को पता चल गया कि यह घर जल्दी आग लगनेवाली चीज़ों से बना हुआ है।
प्रश्न-8 विदुर ने युधिष्ठिर की मदद के लिए वारणावत किसे भेजा?
उत्तर - विदुर ने युधिष्ठिर की मदद के लिए वारणावत सुरंग बनानेवाला कारीगर को भेजा।
प्रश्न-9 पुरोचन ने अपने रहने का स्थान कहाँ बनवाया था?
उत्तर - पुरोचन ने लाख के भवन के द्वार पर ही अपने रहने का स्थान बनवाया था।
प्रश्न-10 किसने किससे कहा?
i. “यद्यपि यह साफ़ मालूम हो गया है कि यह स्थान खतरनाक है, फिर भी हमें विचलित नहीं होना चाहिए।”
युधिष्ठिर ने भीम से कहा।
ii. “यही मेरे सच्चे मित्र होने का सबूत है। आप मुझ पर भरोसा रखें।”
कारीगर ने पांडवों से कहा।