जंगल और जनकपुर (Page 9)
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प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 संगम की दूसरी नदी कौन सी थी?
उत्तर- संगम की दूसरी नदी गंगा थी ।
प्रश्न-2 राम – लक्ष्मण अब महर्षि विश्वामित्र के ठीक पीछे क्यों चल रहे थे?
उत्तर- राम – लक्ष्मण अब महर्षि विश्वामित्र के ठीक पीछे चल रहे थे ताकि उनकी बातें ध्यान से सुन सकें ।
प्रश्न-3 महर्षि विश्वामित्र चलते – चलते रास्ते में राम – लक्ष्मण को क्या बता रहे थे?
उत्तर - महर्षि विश्वामित्र चलते – चलते रास्ते में राम – लक्ष्मण को रास्ते में पड़ने वाले आश्रमों के बारे में, पेड़ों और वनस्पतियों के संबंध में और स्थानीय के इतिहास के बारे में बता रहे थे ।
प्रश्न-4 महर्षि विश्वामित्र राम – लक्ष्मण के साथ संगम पर बने आश्रम में क्यों रुक गए थे?
उत्तर - रात में नदी पार करना उचित नहीं था इसलिए महर्षि विश्वामित्र राम – लक्ष्मण के साथ संगम पर बने आश्रम में रुक गए थे ।
प्रश्न-5 महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण के साथ गंगा कैसे पार की ?
उत्तर - महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण के साथ गंगा नाव से पार की ।
प्रश्न-6 नदी पार जंगल का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - जंगल इतना घना था कि सूरज की किरणें धरती तक नहीं पहुंचती थी । वह जंगल डरावना भी था । हर ओर से झींगुरों की आवाज़, जानवरों की दहाड़, डरावनी ध्वनियाँ थी ।
प्रश्न-7 सुंदर वन में कोई क्यों नहीं जाता था ?
उत्तर - ताड़का के डर से कोई सुंदर वन में नहीं जाता था क्योंकि जो भी आता ताड़का उसे मार डालती ।
प्रश्न-8 सुंदर वन का नाम ताड़का वन कैसे पड़ा ?
उत्तर - ताड़का का डर सुंदर वन में इतना था कि सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था ।
प्रश्न-9 किसने किससे कहा ?
“ ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं ”
महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण से कहा ।
प्रश्न-10 राम – ताड़का युद्ध का वर्णन कीजिए ।
उत्तर - राम ने महर्षि की आज्ञा से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे खींचकर छोड़ा । क्रोध से बिलबिलाई ताड़का राम की ओर दौड़ी और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए । राम ने उस पर बाण चलाए । लक्ष्मण ने भी निशाना साधा । राम का एक बाण उसके हृदय में लगा । वह गिर पड़ी और फिर नहीं उठ पाई ।
प्रश्न-11 महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को कितने अस्त्र – शस्त्र दिए ?
उत्तर - महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को सौ तरह के नए अस्त्र – शस्त्र दिए ।
प्रश्न-12 किसका बाण ताड़का के हृदय में लगा ?
उत्तर - राम का बाण ताड़का के हृदय में लगा ।