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      ‘नादान दोस्त’

      प्रश्न / उत्तर

      प्रश्न-26 केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना - पानी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?

      उत्तर - केशव ने देखा, कार्निस पर थोड़े तिनके बिछे हुए हैं और उन पर तीन अंडे पड़े हैं। उनकी हिफ़ाजत के लिए उसने चिथड़े मँगाकर उसकी गद्दी बनाई और उसे तिनकों पर बिछाकर तीनों अंडे धीरे से उस पर रख दिए। उनको धूप से बचाने के लिए टोकरी को एक टहनी से टिकाकर उन पर छाया की। टोकरी के नीचे दाना पानी भी रख दिया जिससे चिड़िया को अंडो से दूर न जाना पड़े।

       

      प्रश्न-27 पाठ के आधार पर बताओ कि अंडे गंदे क्यों हुए और उन अंडों का क्या हुआ?

      उत्तर - केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा करने के लिए उनके नीचे चिथड़े लगा दिए थे। परन्तु कहा जाता है कि छूने से चिड़ियों के अंडे गंदे हो जाते हैं। चिड़िया फिर उन्हें नहीं सेती। उनकी इसी नादानी के कारण चिड़िया ने उन अंडों को घोंसले से गिरा दिया क्योंकि अब वो अंडे बेकार हो चुके थे। उनकी नादानी की वजह से अंडे बर्बाद हो गए।



      प्रश्न-28 अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल - जबाव करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?

      उत्तर - अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में तरह-तरह के सवाल उठते थे। अंडे कितने बड़े होंगे? किस रंग के होंगे? कितने होंगे? क्या खाते होंगे? उनमें से बच्चे किस तरह निकल आएँगे? बच्चों के पर कैसे निकलेंगे? घोंसला कैसा है? आदि। वे आपस ही में सवाल - जबाव करके अपने दिल को तसल्ली इसलिए दे दिया करते थे क्योंकि उनके सवालो का जबाव देने वाला कोई नहीं था। न अम्माँ को घर के काम - धंधों से फ़ुरसत थी, न बाबू जी को पढ़ने - लिखने से।

       

      प्रश्न-29 केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या - क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?

      उत्तर - केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में अनुमान लगाया कि उनमें से बच्चे निकल आए होंगे। बेचारी चिड़िया इतना दाना कहाँ से पाएगी कि सारे बच्चों का पेट भर सके। गरीब बच्चे भूख के मारे चूँ - चूँ करके मर जाएँगे। उन्हें तिनकों पर परेशानी होगी और तेज़ धूप में भी कष्ट होगा। यदि उनके जगह मैं होता तो अनुमान लगाता कि कोई जानवर अंडों को नुकसान न पहुँचा दे। मैं अंडों को छूता नहीं। चिड़िया के लिए दाना मैं ज़मीन पर बिखेर देता।



      प्रश्न-30 पाठ से मालूम करो कि माँ को हँसी क्यों आई? तुम्हारी समझ से माँ को क्या करना चाहिए था?

      उत्तर - जब माँ ने बच्चों से अंडों के टूटने का कारण पूछा तो केशव ने बड़ी मासूमयित से कहा -'मैंने तो सिर्फ़ अंडों को गद्दी पर रख दिया था अम्माँ जी'। तब बच्चों की मासूमयित को देख कर माँ का गुस्सा हँसी में बदल गया। माँ को चाहिए था कि वो बच्चों की उस अज्ञानता को दूर करती जिसके कारणवश उनसे अंडो को छूने की गलती हुई थी। उन्हें बच्चों को कहना चाहिए था कि आगे से कभी भी उनके मन कोई सवाल उठे तो वह आकर अपनी अम्माँ से पूछें।

       

      प्रश्न-31 केशव और श्यामा ने चिड़िया और अंडों की देखभाल के लिए किन तीन बातों का ध्यान रखा?

      उत्तर - केशव और श्यामा ने चिड़िया और अंडों की देखभाल के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखा:-

      1. उनकी हिफ़ाजत के लिए उन्होंने चिथड़े की गद्दी बनाई और उसे तिनकों पर बिछाकर अंडे धीरे से उस पर रख दिए।

      2. उन्होंने उनको धूप से बचाने के लिए टोकरी को एक टहनी से टिकाकर उन पर छाया की।

      3. उन्होंने टोकरी के नीचे दाना पानी भी रख दिया जिससे चिड़िया को अंडो से दूर जाना पड़े।



      प्रश्न-32 कार्निस पर अंडों को देखकर केशव और श्यामा के मन में जो कल्पनाएँ आईं और उन्होंने चोरी-चुपके जो कुछ कार्य किए, क्या वे उचित थे? तर्क सहित उत्तर लिखो।

      उत्तर - केशव और श्यामा के द्वारा चिड़िया के अंडों की रक्षा के लिए किए गए उपाय उनकी नादानी सिद्ध हुए। उन्हें नहीं मालूम था कि छूने से चिड़ियों के अंडे गंदे हो जाते हैं और चिड़िया फिर उन्हें नहीं सेती। यदि उन्हें इस बात का ज्ञान होता तो वो इस तरह की गलती कभी नहीं करते क्योंकि टूटे हुए अंडों को देखकर और माँ की बात सुनकर कि अंडे छूने से खराब हो जाते हैं, उन्हें अपने किए पर बहुत पछतावा हुआ। हम उन्हें गलत नहीं ठहरा सकते क्योंकि उन्होंने अंडो का अच्छा ही चाहा था। इसलिए तो लेखक ने इस पाठ का नाम 'नादान दोस्त' रखा है जो इस तथ्य को साबित करता है।


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