उत्तर - चिड़िया संतोषी और साहसी है।
उत्तर - दाने दूध से भरे हुए हैं।
उत्तर - चिड़िया उफनती नदी का दिल टटोलती है।
उत्तर - चिड़िया जल का मोती ले जाती है।
उत्तर - चिड़िया के पंखों का रंग नीला है।
उत्तर - चिड़िया बूढ़े वन - बाबा के लिए गाती है।
उत्तर - चिड़िया कंठ खोलकर गाती है।
उत्तर - चिड़िया मधुर स्वर में गाती है।
उत्तर - 'भारतीय पक्षी' पुस्तक के लेखक सालिम अली जी हैं।
उत्तर - चिड़िया अपना जीवन प्रेम, उमंग और संतोष से जीती है।
उत्तर - 'वह चिड़िया जो' कविता के रचयिता केदारनाथ अग्रवाल जी हैं।
उत्तर - चिड़िया अधपकी जौ और बाजरे की बालियों के दाने रूचि से खाती है।
उत्तर - यह कविता चिड़िया के माध्यम से प्रेम और उमंग से जीने की सीख देती है।
उत्तर - चिड़िया चोंच मारकर दूध भरे जुंडी के दाने खाती है और उफनती नदी से जल का मोती ले जाती है।
उत्तर - चिड़िया थोड़े से अन्न के दानों से भी संतुष्ट हो जाती है इसलिए कविता में चिड़िया को संतोषी कहा गया है।
उत्तर - कविता में चिड़िया को गरबीली चिड़िया इसलिए कहा गया है क्योंकि वह उफनती नदी से भी पानी की बूँद अपनी चोंच में भर कर ले जाती है।
उत्तर - कविता में नीले पंखोंवाली एक छोटी चिड़िया का वर्णन है। वह संतोषी है, अन्न से बहुत प्यार करती है, वह एकांत में भी उमंग से रहती है। उसे स्वंय पर गर्व है। वह साहसी है।
उत्तर - कविता पढ़कर हमारे मन में निम्नलिखित चित्र उभरते हैं। जैसे - नीले पंखों वाली सुंदर चिड़िया, मधुर स्वर में गाती चिड़िया, बहती नदी का पानी पीती चिड़िया, दाना चुगती चिड़िया आदि।
उत्तर - प्यारी चिड़िया, गरबीली चिड़िया, नन्ही चिड़िया, सुंदर चिड़िया, नीले पंखों वाली चिड़िया, संतोषी चिड़िया, साहसी चिड़िया आदि अन्य उपयुक्त शीर्षक हो सकते हैं।